Raipur | कोरोना की भेंट चढ़ा दशहरा पर्व, नहीं होगा रावण दहन, लेकिन किए गए कुछ इस तरह के इंतजाम, जानिए क्या होगा खास
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रायपुर । कोरोना संक्रमण से इस वर्ष हर त्यौहार का रंग फीका पड़ गया है। जिस तरह से पहले धूमधाम से उत्साह के साथ पर्व बनाया जाता था। इस बार कोविड 19 की वजह से कोई भी पर्व ज़्यादा इंतेजाम के साथ नहीं बनाया जा रहा है। दो दिनों के बाद दशहरा है, कोरोना संक्रमण को देखते हुए रावणभाटा मैदान में इस बार दशहरे में रावण के पुतले का दहन नहीं किया जाएगा, बल्कि प्रतिकात्मक पुतले का वध किया जाएगा।
रावणभाठा दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि हर वर्ष यहां पर दशहरे के अवसर पर भारी भीड़ होती थी, तरह – तरह के कार्यक्रम एवं मेले लगते थे। परंतु इस बार कोरोना की वजह से यहां रावण दहन नहीं किया जाएगा। परंपरा का निर्वहन करते हुए प्रतीकात्मक रावण का वध किया जाएगा। इसके साथ ही दूधाधारी मठ से रावणभाठा मैदान में बालाजी की पालकी आती है, उस पालकी को विशेष रूप से दशहरे के दिन ही लाया जाता है। पालकी को साल में एक बार निकलने का महत्व यह है कि बालाजी की यहां चारों तरफ बालाजी की संपत्ति है। वह अपनी संपत्ति का भ्रमण करने निकलते हैं और फिर दशहरा मैदान में रावण वध होने के बाद,बालाजी की पूजा व आरती होती है। लोग उनका दर्शन करते है और फिर यहां से जब वह मंदिर प्रस्थान करते हैं, तब घरों घर बालाजी की पूजा होती है।
उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना के चलते पालकी में भी ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। सिर्फ मंदिर और समिति के लोग ही रहेंगे।