Raipur | पैदल चलाकर राजभवन पहुंचे कांग्रेसी, किसान अधिकार दिवस रैली का आयोजन, पुलिस के साथ झुमा-झपटी, जानियें फिर क्या हुआ ..
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रायपुर | प्रदेश कांग्रेस ने आज किसान अधिकार दिवस रैली का आयोजन किया। प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन पर इकट्ठा हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वहां से रैली निकाली। करीब तीन किमी चलकर कांग्रेसी राजभवन पहुंचे जहां उन्होंने घेराव किया। पुराने पुलिस मुख्यालय के पास पुलिस ने गेट बंद कर उन्हें रोकने की कोशिश की तो कांग्रेस नेताओं ने धक्का देकर उस गेेट की कुंडी तोड़ दी।
केंद्र सरकार के तीनों कृषि संबंधी कानूनों और डीजल की महंगाई के खिलाफ कांग्रेस ने रायपुर में बड़ा प्रदर्शन किया। राजीव भवन के सामने एक सभा हुई जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ला, अरुण वोरा, अनिता शर्मा, शकुंतला साहू, सांसद छाया वर्मा, फूलोदेवी नेताम, पीसीसी उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला आदि शामिल हुए।
सभा में विधायकों ने कृषि संबंधी तीनों कानूनों को किसानों और कृषि के लिए खतरनाक बताया। उनका कहना था, इन कानूनों काे बिना शर्त वापस लिया जाना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने इस कानून के लिए भाजपा को माफी मांगने को भी कहा। उनका कहना था, भाजपा सरकार ने इन कानूनों को संघीय व्यवस्था को रौंद कर लागू करने की कोशिश की है। किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को मान लेने की जगह थकाने और बरगलाने की कोशिश कर रही है।
करीब एक घंटे बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बड़ी रैली राजभवन के लिए रवाना हुई। मोहन मरकाम ने एक ट्रैक्टर की ड्राइविंग सीट संभाली। बीटीआई चौराहा पार करते-करते रैली चार हिस्सों में बंट गई। रैली के सबसे आगे चल रहा हिस्सा करीब 20 मिनट बाद ही राजभवन के पास पहुंच गया। पुलिस ने उन्हें बैरिकेड पर रोक लिया।
बाद में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का जत्था आया। इसे भी उसी बैरिकेड पर रोका गया। प्रदर्शनकारियों ने पहले बैरिकेड को हटा दिया। पुलिस ने राजभवन जाने वाली सड़क का दरवाजा बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों के धक्के से उस दरवाजे की कुंडी भी टूट गई। इसमें पीछे खड़े पुलिसकर्मी चोटिल होने से बचे। बाद में पुलिस ने किसी तरह उस दरवाजे को बंद कर भीड़ को रोका।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ आ रहा जत्था सबसे बाद में राजभवन पहुंचा। उनके पहुंचने के बाद विधायकों और पीसीसी पदाधिकारियों का एक भारी-भरकम प्रतिनिधिमंडल राजभवन में गया। वहां कुछ देर इंतजार के बाद राज्यपाल को ज्ञापन देकर राष्ट्रपति से तीनाें विवादित कानून को निरस्त करने और पेट्रोलियम में महंगाई रोकने की मांग की।
कांग्रेस ने इस आंदोलन के लिए जो योजना बनाई थी, उसके मुताबिक रैली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों, प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, डॉक्टर चंदन यादव को भी शामिल होना था। आज के प्रदर्शन में मुख्यमंत्री और उनके मंत्री शामिल नहीं हुए। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम राजीव भवन की सभा में थे, लेकिन वे भी राजभवन नहीं आए।