RAIPUR : आदित्य भगत इन्डिया-जापान फाउंडेशन के कार्यकारी मंडल में शामिल हुए, उन्हें फाउंडेशन के यूथ कमेटी का सह-चेयरमैन बनाया गया
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदित्य भगत को इन्डिया-जापान फाउंडेशन के कार्यकारी मंडल में शामिल किया गया तथा उन्हें इस फाउंडेशन के यूथ कमेटी के सह-चेयरमैन भी बनाया गया है। दो अक्टूबर को इस संबंध में इन्डिया-जापान फाउंडेशन के चेयरमैन विभवकांत उपाध्याय ने आदित्य भगत को एक पत्र लिखा था। इसके माध्यम से उन्हें इन्डिया-जापान फाउंडेशन के कार्यकारी मंडल में शामिल होने का न्यौता दिया था। साथ ही उन्हें फाउंडेशन की यूथ-कमेटी में सह-चेयरमैन का पद भी ऑफर किया था। इस संबंध में पत्र लिखकर आदित्य भगत ने अपनी स्वीकृति भेज दी है और यूथ कमेटी के सह-चेयरमैन का पद भी स्वीकार कर लिया है।
इंडिया-जापान फाउंडेशन एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसमें भारत व जापान साझेदार हैं। इस संगठन में भारत की तरफ से अध्यक्ष आदित्य भगत होंगे, जबकि जापान की तरफ से संगठन के राष्ट्र प्रमुख विभवकांत उपाध्याय जी होंगे। भारत व जापान के बीच परस्पर सहयोग से सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिये यह संगठन कार्य करेगा। न सिर्फ जापान और भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर तरक्की के लिये दोनों कार्य करेंगे। इनमें उनका मुख्य फोकस तुलनात्मक रूप से पिछड़े लोगों के लिये रोजगार, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक-आर्थिक उत्थान पर होगा। वे विश्व स्तर पर कार्य करेंगे ताकि परस्पर सहयोग से वैश्विक समरसता व समन्वय स्थापित किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि आदित्य भगत व उनकी टीम ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ऑनलाइन सम्मेलन ‘विकास के वैकल्पिक मॉडल और इसमें आदिवासी समाज की भूमिका’ विषय पर वर्चुअल माध्यम से आदिवासी दिवस के दिन आयोजित करवाया था। यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत कर रहे थे। इंडिया-जापान फाउंडेशन के निदेशक विभवकांत उपाध्याय इस कार्यक्रम के संयोजक थे। इस कार्यक्रम में भारत सहित 6 देशों के प्रमुख व प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हुए थे।
इंडिया-जापान फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत और जापान के वैश्विक साझेदारी को मज़बूत करने के लिये कार्य कर रहा है। यह संगठन विभव कांत उपाध्याय के नेतृत्व में पिछले 25 वर्षों से भारत-जापान के सम्बन्धों को स्थापित कर आगे बढ़ाने का काम कर रही है। इसके कार्यों को खुद जापान के प्रधानमंत्री रहे शिंजो आबे ने कई बार सराहा है।
अपने पत्र में विभवकांत उपाध्याय ने आदित्य भगत को लिखा कि यह संगठन विकास के वैकल्पिक मॉडल को स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ा रहा है। इस संबंध में समान सोच रखने वाली शख्सियत को शामिल कर वे आईजेएफ बोर्ड को मज़बूत करना चाहते हैं।
इस ऑफर को स्वीकार करते हुए आदित्य भगत ने कहा, “आईजेएफ के सर्वोत्तम हितों के लिये सभी प्रासंगिक मामलों में कार्यकारी मंडल को अपना योगदान दूंगा।”
विशेषकर उन्होंने आईजेएफ के विज़न, मिशन और नीतियों के रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देने की बात कही। विकास का वैकल्पिक मॉडल और उसके प्रतिपादन में आदिवासियों की भूमिका आने वाले समय की ज़रूरत है। इसके ज़रिये विशेषकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास द्वारा देश की तरक्की सुनिश्चित की जा सकती है।