December 25, 2024

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Pt. Pradeep Mishra Mahadev App Connection | दुबई कथा और महादेव ऐप कनेक्शन, पं. प्रदीप मिश्रा पर सियासी तूफान!

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Pt. Pradeep Mishra Mahadev App Connection | Dubai story and Mahadev App connection, political storm on Pt. Pradeep Mishra!

रायपुर। राजधानी रायपुर के सेजबहार में चल रही पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस ने महादेव सट्टा ऐप मामले को लेकर पं. मिश्रा से पूछताछ की मांग की है, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पर सनातन धर्म विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है।

कांग्रेस के आरोप –

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “पं. प्रदीप मिश्रा को स्पष्ट करना चाहिए कि उनका महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल से क्या संबंध है? दुबई में आयोजित कथा में ये प्रमोटर्स कैसे शामिल हुए और क्यों उन्होंने सौरभ चंद्राकर को ‘भाई’ कहकर संबोधित किया?”

बीजेपी का पलटवार –

बीजेपी प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “कांग्रेस को सनातन धर्म और संतों के कार्यक्रमों से चिढ़ है। लाखों लोग पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को इसमें भी साजिश नजर आती है।”

दुबई कथा और महादेव ऐप कनेक्शन –

बता दें कि 9 से 11 दिसंबर के बीच दुबई के ली मेरिडियन होटल एंड कॉन्फ्रेंस सेंटर में पं. प्रदीप मिश्रा ने पहली बार विदेश में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया था। इस आयोजन को महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने प्रायोजित किया था।

वीडियो वायरल और विवाद का बढ़ना –

कथा के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने सौरभ चंद्राकर को ‘भाई’ कहकर संबोधित किया। इसके बाद से ही राजनीतिक बवाल शुरू हो गया।

जांच का सवाल –

अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या पं. प्रदीप मिश्रा को इस मामले में पुलिस जांच का सामना करना पड़ेगा या यह पूरा विवाद सिर्फ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह जाएगा।

सियासत के बीच श्रद्धालुओं की आस्था –

इस पूरे विवाद के बीच श्रद्धालु बड़ी संख्या में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने पहुंच रहे हैं। लेकिन इस सियासी घमासान ने धार्मिक आयोजन के पवित्र माहौल पर सियासी रंग चढ़ा दिया है।

अब देखना होगा कि क्या इस मामले में कोई आधिकारिक जांच होती है या यह मुद्दा केवल राजनीतिक मंचों तक सीमित रह जाता है।

 

 

 

 

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