Organize Workshop | ‘महिला हिंसा के विरुद्ध लैंगिक संवेदनशील दृष्टिकोण’ पर कार्यशाला का आयोजन
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Organize Workshop | Workshop on ‘Gender Sensitive Approach against Violence against Women’ organized
रायपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), पुलिस विभाग और चैतन्य वाइज संस्था द्वारा ‘महिला हिंसा के विरुद्ध लैंगिक संवेदनशील दृष्टिकोण’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में पुलिस विभाग व ‘बिहान’ (छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के कर्मचारियों, जेंडर मास्टर ट्रेनर्स और परामर्शदाताओं को महिला हिंसा से जुड़े कानूनों और इसके विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य “महिला हिंसा के विरुद्ध लैंगिक संवेदनशील दृष्टिकोण” के माध्यम से सभी विभागों के साथ समन्वयन स्थापित कर कार्य करना था।
पुलिस उप महानिरीक्षक मिलना कुर्रे ने कार्यशाला में पुलिस विभाग द्वारा महिला हिंसा के विरुद्ध संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। पुलिस सहायक महानिरीक्षक पूजा अग्रवाल ने जिलों में स्थापित महिला परामर्श केंद्र, अभिव्यक्ति मोबाइल एप्प, महिला हेल्प डेस्क और थानों में स्थापित महिला सेल के बारे में बताया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से कार्यशाला में हिस्सा लेने आईं उषारानी ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित लैंगिक समानता से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया। उन्होंने जेंडर भेदभाव, जेंडर रिसोर्स सेंटर, जेंडर फोरम इत्यादि की विस्तार से जानकारी दी।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य संचालन अधिकारी (COO) सुश्री एलिस लकड़ा ने कार्यशाला में छत्तीसगढ़ में संचालित जेंडर इंटीग्रेशन के बारे में बताया। उन्होंने पुलिस विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम को किस प्रकार पूरी तरह स्थापित किया जाए, इसकी जानकारी दी। चैतन्य वाइज संस्था की कार्यकारी निदेशक कल्पना पन्त ने लैंगिक भेदभाव पर ‘बिहान’ और चैतन्य वाइज संस्था के समन्वय से किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना समन्वयक सुविज्ञ पाठक ने महिला हिंसा के विरुद्ध विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में बताया।
रायपुर के सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी आकाश शर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कांकेर के सचिव डायमंड कुमार गिलहरे ने कार्यशाला में महिला हिंसा से जुड़े कानूनों और इन मामलों पर बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी दी। कार्यशाला में 14 जिलों के पुलिस विभाग के कर्मचारियों, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के विभिन्न जिलों में कार्यरत कर्मचारियों, जेंडर मास्टर ट्रेनर्स एवं परामर्शदाताओं ने भाग लिया।