अनुसूचित जनजाति के युवा वर्ग की उन्नति के लिए ओपीजेयू के प्रयास सराहनीय- डॉ. शिव वरन शुक्ल
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रायगढ़, 3 दिसंबर 2021। 3 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अद्ध्यक्ष डॉ शिव वरन शुक्ल ने आयोग की सचिव डॉ मनीषा शुक्ला, अकादमिक सदस्य डॉ उमेश मिश्र और लेखाधिकारी श्री आर. तिवारी के साथ ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के पुन्जिपथरा कैम्पस का आधिकारिक भ्रमण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा ‘अनुसूचित जनजाति के युवा वर्ग के विकास में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का योगदान: एक गवेषणा’ विषय पर विचार-सत्र का आयोजन किया गया। अपरान्ह में आयोजित इस विचार- सत्र में आयोग के अद्ध्यक्ष डॉ शिव वरन शुक्ल, आयोग के अकादमिक सदस्य डॉ उमेश मिश्र और ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के आरम्भ में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय द्वारा अनुसूचित जनजाति के युवा वर्ग के विकास के लिए किये गए कार्यों के बारे में बताया और किये जा रहे प्रयासों से सम्बंधित जानकारी दिया ।
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय द्वारा अनुसूचित जनजाति के युवा वर्ग के विकास को समर्पित यह आयोजन सभी के साथ इस सम्बन्ध में अपनी बात साझा करने का प्रयास है तथा इस अवसर पर मार्गदर्शन करने के लिए विशिष्ट अतिथिगणों की उपस्थिति सभी के लिए गर्व का विषय है । डॉ पाटीदार ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय से सम्बंधित सभी जानकारी संक्षिप्त में प्रस्तुत किया गया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों से भी परिचित कराया । अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अद्ध्यक्ष डॉ शिव वरन शुक्ल ने न केवल विश्वविद्यालय की सर्वांगीण प्रगति बल्कि अनुसन्धान, अनुभवात्मक शिक्षा प्रणाली और सामाजिक कार्यों की भी सराहना की । उन्होंने नैतिक मूल्यों एवं वैल्यू एजुकेशन को विद्यार्थियों के लिए आवश्यक बताया और विश्वविद्यालय के शिक्षण-प्रशिक्षण में इसे और भी मजबूती शामिल करने के लिए प्रेरित किया । अनुसूचित जनजाति के युवा वर्ग की उन्नति के सम्बन्ध में अपनी बात रखते हुए डॉ शुक्ल ने कहा की आदिवासी हमारे पूर्वज हैं और उनकी उन्नति करना हमारा कर्तव्य है। इस कार्य में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय आगे है।
इस विचार-सत्र में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अकादमिक सदस्य डॉ उमेश मिश्र ने भी अपने विचार रखे और छत्तीसगढ़ तथा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य को रेखांकित किया । शिक्षा एवं अनुसंधान के महत्त्व को रेखांकित करते हुए डॉ मिश्र ने सभी शिक्षकों को आगे होकर कार्य करने के लिए आह्वान किया। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने सभी अतिथियों कोविश्वविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किया ।
कार्यक्रम को विषय आधारित गरिमा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय की छात्रा कु. दिव्या बोहिदार द्वारा छत्तीसगढ़ी में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी एवं कु. सुमन साहू, कु. निकिता प्रधान और कु. देवश्री मंडल द्वारा छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसकी सभी ने सराहना किया । कार्यक्रम के पश्चात छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य मण्डली द्वारा कर्मा लोक नृत्य का बृहद रूप में प्रस्तुतीकरण किया गया । कार्यक्रम के अंत में ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अनुराग विजयवर्गीय ने सभी अतिथियों, उपस्थित प्राध्यापकों एवं कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी सहयोगियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन स्कूल ऑफ़ साइंस के मानविकी विभाग के प्राध्यापक डॉ संजय सिंह ने किया ।कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्री क्लाउड मैथ्यू, डॉ कविता पटेल, डॉ स्वाति वर्मा, मंजू यादव, ब्रिजेश सोंगोत्रा, अन्नू सिंह एवं छात्रों – रविंदर कुमार सौम्य मित्तल तथा उमा यादव आदि का सराहनीय योगदान रहा ।