ओपीजेयू में जेंडर सेंसिटाइजेशन एन्ड विमेन एम्पावरमेंट’ पर एक-दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन
1 min readरायगढ़ : ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ में ‘जेंडर सेंसिटाइजेशन एन्ड विमेन एम्पावरमेंट’ विषय पर एक-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ओपीजेयू के इंटरनल कंप्लेंट कमिटी (आईसीसी) एवं रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस पर विश्वविद्यालय की छात्राओं एवं महिला प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य के अंतर्गत लैंगिक समानता को ध्यान में रखकर लोगों में लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करने एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करना था। कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रायगढ़ की डॉ प्रीती षडंगी (सहायक प्राध्यापक-अंग्रेजी ), शासकीय पी डी वाडीज्य एवं कला महाविद्यालय, रायगढ़ की डॉ अनुपमा पटेल (सहायक प्राध्यापक- विधि विभाग) एवं प्रो हेमकुमारी पटेल (सहायक प्राध्यापक- अंग्रेजी) उपस्थित रही और व्याख्यान दिए।
कार्यक्रम का आरम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। छात्रा शुभांगी बोहिदार के स्वागत कथन के पश्चात विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो अनुराग विजयवर्गीय ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बधाई दिया। प्रो अनुराग ने कहा की जेंडर संवेदनशीलता एक बहुत ही विस्तृत विषय है। इस पर विश्वविद्यालय एवं समाज के सभी वर्गो को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि ओपीजेयू में विश्वविद्यालय स्तर पर इंटरनल कंप्लेंट कमिटी एवं सेंटर फॉर सोशल एम्पावरमेंट के रूप में व्यवस्थायें बनाई गई हैं जो जेंडर संवेदनशीलता विषय पर काम करती हैं। ओपीजेयू में कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न के विरुद्ध इंटरनल कंप्लेंट कमिटी सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश की आधी जनसंख्या महिलाओं की है। मगर विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बहुत कम है। विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक, शारीरिक तथा मनोवैज्ञानिक बाधाएं इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह बाधाएं न केवल महिलाओं की प्रगति को रोकती हैं, बल्कि देश की प्रगति में भी बाधक हैं। हमें उन समाधानों की आवश्यकता है जिससे समाज के विकास में सभी बराबर के भागीदार बन सकें। सतत विकास लक्ष्य के अंतर्गत लैंगिक समानता को ध्यान में रखना चाहिए तथा लैंगिक पूर्वाग्रह को दूर करना भी सतत विकास का लक्ष्य है।
कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, रायगढ़ की अंग्रेजी विषय की सहायक प्राध्यापिका डॉ प्रीती षडंगी ने ओपीजेयू के प्राध्यापकों एवं प्रबंधन को एक आवश्यक एवं उपयुक्त विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए बधाई दिया और अपने व्याख्यान के माधयम से जेंडर सेंसिटाइजेशन के प्रति लोगों से जागरूक होकर कार्य करने के लिए प्रेरित किया और कहा की जेंडर सेंसिटाइजेशन में केवल कानून या दण्डात्मक कार्रवाई करने से अपराधों को रोका नहीं जा सकता है, इसके लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है की समाज में जेंडर सेंसिटिविटी के प्रति जागरूकता हो और महिलाओं को उचित स्थान तथा उचित सम्मान दिया जाय। अपने व्याख्यान में शासकीय पी डी वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय, रायगढ़ के विधि विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ अनुपमा पटेल ने अपना व्याख्यान महिआओं के विरुद्ध अपराध विषय पर केंद्रित किया। डॉ अनुपमा ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले सभी प्रकार के अपराधों एवं उनसे सम्बंधित कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में बताया। अपने चर्चा-सत्र के दौरान उन्होंने छात्रों एवं अन्य प्रतिभागियों द्वारा पूंछे गए सभी प्रकार के प्रश्नों का सरलता से उत्तर दिया। तृतीय रिसोर्स पर्सन के रूप में शासकीय पी डी वाणिज्य एवं कला महाविद्यालय, रायगढ़ की प्रो हेमकुमारी पटेल (सहायक प्राध्यापक- अंग्रेजी) ने प्रतिभागियों को सभी प्रकार के जाने-अनजाने में किये जाने वाले अपराधों से परिचित कराया और साथ ही साथ उनसे किस तरह से बचा जाय और उनसे सम्बंधित कानूनी सुविधाओं के बारे में बताया।
सभी व्याख्यानों के पश्चात सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम सञ्चालन समिति के सदस्यों को स्मृतिचिन्ह प्रदान किये गए। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की छात्रा तनुजा नायर ने सभी अतिथियों एवं अधिकारीयों, कर्मचारियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का सञ्चालन छात्राओं-विशाखा सिंह एवं आस्था गुप्ता ने तथा संयोजन डॉ सौम्या सिंह तथा डॉ संजय सिंह ने किया कार्यक्रम में लगभग 160 प्रतिभागी शामिल हुए।