Omicron In Chhattisgarh | 3 ओमिक्रॉन संक्रमित की पुष्टि, एक 2 साल का बच्चा भी शामिल, ओमिक्रोन के कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ा
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बिलासपुर। जिले में ओमिक्रोन के कम्यूनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ गया है। यहां फिर तीन ओमिक्रॉन संक्रमित मील हैं, जिसमें एक दो साल का बच्चा है। उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। जाहिर है कि शहर में ओमिक्रॉन पॉजिटिव के संपर्क में आने के बाद ही इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राहत है कि इनमें से किसी की हालत चिंताजनक नहीं है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई व तीनों के संपर्क में आने वालों की जांच कराई जाएगी।
बता दे कि रविवार को विनोवा नगर में रहने वाला 2 साल का अयंश अग्रवाल भी ओमिक्रॉन की चपेट में आया है। वहीं गीतांजलि सिटी फेस-2 में रहने वाले 44 साल के अनिल कुमार शर्मा ने 20 दिसंबर को कोरोना जांच के लिए RT-PCR सैंपल दिया था। 21 को उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। वे होम आइसोलेशन में रहे और पूरी तरह ठीक हो गए। रविवार को उनकी ओमिक्रॉन रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं डॉक्टर कालोनी में रहने वाली 37 साल की सनयुक्ता भी ओमिक्रॉन पॉजिटिव आई हैं। तीनों की ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। सनयुक्ता ने 27 दिसंबर को कोरोना जांच कराई थी और 28 को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। अब तो वह स्वस्थ्य हैं और अपने घर में हैं।
कोरोना की तरह फैल गया है ओमिक्रॉन –
ओमिक्रॉन पॉजिटिव आए 2 वर्षीय बालक अयांश अग्रवाल के पिता विंटेश अग्रवाल जिला क्रिकेट संघ के सचिव हैं व ठेकेदारी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बालक पूरी तरह से स्वस्थ्य है। 27 दिसंबर को वे कोरोना पॉजिटिव हुए थे, तब उनके बेटे की भी तबीयत खराब हुई। इसके चलते उन्होंने कोरोना जांच कराया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरा परिवार क्वारैंटाइन था। अब दो-तीन दिन हुआ है वे बाहर निकल रहे हैं।
विंटेश अग्रवाल का कहना है कि उनका बेटा उनसे ही संक्रमित हुआ है। जाहिर है कि उन्हें भी ओमिक्रॉन का संक्रमण रहा होगा। तब प्रशासन ने इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने इतने दिन बाद ओमिक्रॉन रिपोर्ट आने को लेकर भी सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इस तहर से शहर के सैकड़ों लोग ओमिक्रॉन की संक्रमण का शिकार हो चुके हैं और ठीक भी हो गए होंगे। अब रिपोर्ट आने का मतलब क्या है, जब संक्रमण फैल कर ठीक भी हो गया।
बगैर ट्रेवल हिस्ट्री के मरीजों ने बढ़ाई चिंता –
CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि रविवार को जो तीन ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीज मिले हैं। उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री ही नहीं है। ऐसे में शहर में ओमिक्रॉन का संक्रमण पहले से ही सक्रिय होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की पहचान कर जांच कराई जाएगी।
68 जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल है पेंडिंग –
CIMS के वॉयरोलॉजी लैब की HOD डॉ. रेखा बारपात्रे ने बताया कि ओमिक्रॉन के संक्रमण को देखते हुए कोरोना पॉजिटिव आने वाले पांच फीसद लोगों के जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल लेकर जांच के लिए भुवनेश्वर लैब भेजा जा रहा है। यह व्यवस्था पांच जनवरी को पहले ओमिक्रॉन पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद से बनाई गई है। उन्होंने बताया कि अब तक जीनोम सीक्वेंसिंग के करीब 500 सैंपल लेकर भुवनेश्वर लैब भेजा जा चुका है। जिसमें से पहली बार तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बकी के रिपोर्ट निगेटिव मिले हैं। अभी करीब 68 जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल का रिपोर्ट आना बाकी है।
USA, अमन और जर्मनी से लौट 10 यात्री –
विदेश से आने वालों का सिलसिला अब भी जारी है। रविवार को 10 यात्री USA अमन और जर्मनी सहित अन्य देशों से शहर लौटे हैं। विदेश से आने वालों में नेहरू नगर, तोरवा, पुराना हाईकोर्ट रोड, वसंत विहार कॉलोनी और विद्या नगर के रहने वाले हैं। उन्हें उनके घरों में क्वारैंटाइन किया गया है। अब तक 316 लोग विदेश से बिलासपुर लौट चुके हैं। 285 लोगों का 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड पूरा हो गया है। बाकी अपने घर में आइसोलेट हैं।
5 जनवरी को मिला था पहला ओमिक्रॉन संक्रमित –
इससे पहले बिलासपुर में प्रदेश का पहला ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज पांच जनवरी को मिला था। गोलबजार गोंडपारा निवासी अजय कुमार साहू की रिपोर्ट ओमिक्रान पॉजिटिव आई थी। 52 वर्षीय अजय UAE गए थे और 3 दिसंबर को शहर लौटे थे। सात दिन बाद 11 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग ने पति-पत्नी का RT-PCR सैंपल लिया। 15 को उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 20 दिसंबर को दोनो का जीनोम सिक्वेंसिंग सैंपल लेकर भुवनेश्वर लैब भेजा गया था। पांच जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।