NPP विधायकों ने मणिपुर में बिरेन सिंह सरकार के प्रति समर्थन जताया
1 min readएनपीपी के चार मंत्रियों ने सरकार छोड़ दी थी. भाजपा के तीन विधायकों ने पार्टी और विधायनसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
Delhi/thenewswave.com मणिपुर में एक सप्ताह पहले मंत्रिपद से इस्तीफा दे चुके नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की सरकार की अगुवाई के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को एक पत्र सौंपा. दिल्ली से गुरुवार सुबह इंफाल पहुंचे एनपीपी प्रमुख कोनार्ड संगमा ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक मंत्रिपद से अपना इस्तीफा भी वापस ले लेंगे क्योंकि वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनके मुद्दों पर गौर करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि उनके विधायक मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में वापस होंगे.ये चार विधायक भाजपा नीत सरकार के प्रति समर्थन सौंपने के लिए संगमा और भाजपा के संकटमोचक समझे जाने वाले असम के मंत्री हेमंत विश्व सरमा के साथ राजभवन गये.
राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘ श्री कोनार्ड संगमा और श्री हेमंत विश्व सरमा के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला और सभी चार विधायकों ने मणिपुर में भाजपा नीत सरकार के प्रति अपना समर्थन पत्र दिया.”
A delegation of National People's Party led by Shri @SangmaConrad alongwith Shri @himantabiswa called on me and all the 4 MLAs gave their letter of support to BJP led Government in the State of Manipur. pic.twitter.com/N1Ehs9OceV
— Najma Heptulla (@nheptulla) June 25, 2020
राज्यपाल से मिलने के बाद वे यहां मुख्यमंत्री सचिवालय में बिरेन सिंह से मिले.मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि बुधवार को दिल्ली में शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ मुलाकात के दौरान ध्यान से उनकी बात सुनी गयी और उनकी चिंता का निराकरण किया गया. भाजपा के संकटमोचक और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक सरमा बुधवार को एनपीपी प्रतिनिधिमंडल की शाह से मुलाकात करवाने के लिए ले गये थे क्योंकि 17 जून को नौ विधायकों की बगावत के बाद मणिपुर सरकार संकट में आ गई थी. वे लोग बाद में नड्डा से भी मिले थे.
एनपीपी के चार मंत्रियों ने सरकार छोड़ दी थी. भाजपा के तीन विधायकों ने पार्टी और विधायनसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. तृणमूल कांग्रेस के अकेले विधायक और निर्दलीय विधायक ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.