November 6, 2024

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New Variant Of Corona | नए वैरिएंट C.1.2 को लेकर चेतावनी, भारत के लिए क्‍या चिंता है ?, समझिये यहां …

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नई दिल्ली। कुछ दिन पहले, साउथ अफ्रीकन रिसर्चर्स ने कोविड देने वाले वायरस के नए वैरिएंट C.1.2 को लेकर चेतावनी दी। अभी इसके ग्रीक अल्‍फाबेट्स के आधार पर कोई नाम नहीं दिया गया है, मगर जेनेटिकली यह बीटा परिवार का ही हिस्‍सा लगता है। मई में लिए गए कुछ सैम्‍पल्‍स में C.1.2 मिला था लेकिन जुलाई में साउथ अफ्रीका से जितने केस आए, उनमें से करीब 2% इसी वैरिएंट के थे। इस स्‍ट्रेन को लेकर एक्‍सपर्ट्स क्‍या कह रहे हैं, भारत के लिए क्‍या चिंता है, आइए समझते हैं।

C.1.2 को रिसर्चर्स ने ‘म्‍यूटेशंस का तारामंडल’ कहा है। कुछ ने इसे बाकी वैरिएंट्स के मुकाबले ‘बेहद म्‍यूटेटेड’ बताया है। मूल वुहान स्‍ट्रेन के मुकाबले इसमें 44 से 59 म्‍यूटेशंस अलग है। ज्‍यादातर म्‍यूटेशंस स्‍पाइक प्रोटीन में हैं जिसकी मदद से वायरस इंसानी कोशिकाओं पर हमला करता है। पिछले 17 महीनों का अनुभव यही बताता है कि स्‍पाइक प्रोटीन्‍स के म्‍यूटेशंस संक्रामकता बढ़ा सकते हैं, वायरस की क्षमता में इजाफा कर सकते हैं या फिर दोनों।

सबसे बुरी स्थिति यह होगी कि C.1.2 संक्रामक भी हो और गंभीर बीमारी देने वाला भी। एक और चिंता की बात यह है कि C.1.2 कथित रूप से वैक्‍सीन के सुरक्षा-चक्र को भेद सकता है। अभी ‘डेल्‍टा’ वैरिएंट ही इस क्षमता के कारण पूरी दुनिया में संक्रमण फैला रहा है।

महज हफ्ते भर पहले, WHO की चीफ साइंटिस्‍ट डॉ सौम्‍या स्‍वामीनाथन ने कहा कि कोविड-19 के संबंध में भारत किसी तरह की ‘एन्‍डेमिक’ स्‍टेज में है। इसका मतलब यह है कि रुक-रुक कर बड़ी लहर की जगह कुछ सौ या हजार केसेज पूरे साल आते रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि ‘डेल्‍टा’ वैरिएंट (भारत में सबसे पहले मिला, वायरस का सबसे फिट अवतार) की वजह से हर्ड इम्‍युनिटी डिवेलप हो गई और नतीजा हम ‘एन्‍डेमिक’ स्‍टेज में आ गए। मगर तीन महीनों के भीतर, साउथ अफ्रीका समेत कुल 8 देशों में मिल चुके C.1.2 वैरिएंट को लेकर लापरवाही बरतना भी ठीक नहीं होगा।

कोविड-19 पर WHO की टेक्निकल लीड डॉ मारिया वान केरखोव ने कहा है कि ‘इस समय C.1.2 के मामले ज्‍यादा बढ़ते नजर नहीं आ रहे।’ साउथ अफ्रीकन रिसर्च पेपर की एक लेखिका, डॉ तूलियो डी ओलिविएरा ने साफ क‍िया है कि C.1.2 के नतीजे डर फैलाने के लिए नहीं, बल्कि ‘विज्ञान के जरिए उसका जवाब देने के लिए’ जारी किए गए थे।

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