Mission 2024 | I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक का दूसरा दिन, मंथन जारी, पहली बार दिखें कपिल सिब्बल ..
1 min readMission 2024 | Second day of I.N.D.I.A alliance meeting, churning continues, Kapil Sibal appeared for the first time..
मुंबई। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए बने विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A अलायंस के संयोजक में लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम लगभग तय माना जा रहा है। मुंबई में चल रही I.N.D.I.A की बैठक के खत्म होने पर संयोजक के साथ 11 सदस्यीय समिति का ऐलान हो सकता है। संयोजक की दौड़ में मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम सबसे प्रमुख है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर इंडिया गठबंधन में शामिल दूसरे दलों ने सैद्वांतिक सहमति दे दी है।
पिछले साल बने थे अध्यक्ष –
राज्यसभा के सदस्य 81 साल के मल्लिकार्जुन खरगे पिछले साल अक्तूबर महीने में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। सूत्रों की मानें तो संयोजक के तौर खरगे का नाम लगभग तय है। अंतिम क्षणों में अगर खरगे इनकार करते हैं तो संयोजक की जिम्मेदारी दूसरे नेता को सौंपी जा सकती है, हालांकि इसकी संभावना काफी कम है। संयोजक की अगुवाई में ही गठबंधन दलों के बीच आपसी समन्वय के साथ लोकसभा चुनावों के मुद्दे और जरूरी कमेटियों का गठन किया जाएगा। संभावना है कि आज जब इंडिया अलायंस की मीटिंग खत्म होगी तो मीडिया के सामने संयोजक के साथ 11 सदस्यीय समन्वय समिति का ऐलान किया जा सकता है। इसमें इंडिया गठबंधन में शामिल बड़ी क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को रखा जाएगा।
बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा –
सूत्रों के मुताबिक बैठक में पांच दिनों के विशेष सत्र, एक देश एक चुनाव पर भी चर्चा होगी। इसमें वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर विपक्ष अपना स्टैंड तय करेगा। इसके अलावा आज की बैठक अलायंस की कमिटीज़, सब कमिटीज़, गठबंधन के प्रवक्ता, नेशनल को ऑर्डिनेशन कमिटी, रीजनल को ऑर्डिनेशन कमिटी, रिसर्च टीम, सोशल मीडिया टीम एंड पॉलिसी पर भी चर्चा भी होगी।
ये हो सकता है फॉर्मूला –
इंडिया अलायंस के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के मुख्य 10 मुद्दों पर अहम चर्चा होगी। तो वहीं गठबंधन की को-ऑर्डिनेशन कमिटी को टास्क जाएगा कि वह अलग अलग राज्यों में सभी सहयोगी दलों की सीट शेयरिंग को लेकर डेटा और रिपोर्ट तैयार करे। सूत्रों के अनुसार जो सीट बीजेपी के पास है। वहां पर नंबर दो रही पार्टी को मौका दिया जाए। दूसरे विकल्प के तौर पर गठबंधन में शामिल मजबूत पार्टी को वह सीट दी जाए। सीट बंटवारे में यह मुख्य क्राइटेरिया हो सकता है। इसी के आधार पर अगली मीटिंग में सीट शेयरिंग पर विस्तृत चर्चा हो सकती है।