कोंडागांव | घोड़ागांव में होने वाला था बाल विवाह, जिला प्रशासन ने दबिश देकर रुकवाया, परिजनों को दी समझाइश
1 min readनीरज उपाध्याय/कोंडागांव:– कोण्डागांव जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत घोड़ागांव से बाल विवाह किये जाने की गुप्त सूचना प्राप्त होने पर सोमवार को मिशन वात्सल्य के तहत कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं चाईल्ड लाईन के संयुक्त दल का निर्माण कर बाल विवाह को रोका गया। सूचना प्राप्त होते ही संयुक्त दल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी अवनी कुमार बिसवाल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी नरेन्द्र सोनी मार्गदर्शन में बाल विवाह रोकने की कार्यवाही की गई।
ग्राम में पहुँच दल ने पाया कि ग्राम पंचायत घोड़ागांव में नाबालिग बालिका चन्द्रवती (परिवर्तित नाम) पिता श्री महेष्वर (परिवर्तित नाम) उम्र 17 वर्ष 7 माह निवासी घोड़ागांव की सगाई मलकानगिरी उड़ीसा के बालक उमेश कुमार (परिवर्तित नाम) पिता श्री जगबंधु (परिवर्तित नाम) के साथ किया जा रहा था। सगाई उपरांत बालिका को बालक के परिवार द्वारा उड़ीसा के मलकानगिरी में ले जाकर अपने रीति रिवाज से विवाह कराने का कार्यक्रम तय हुआ था। सगाई के पूर्व विभाग को गुप्त सूचना मिलते ही बालिका के घर पहुंचकर बालिका के आधार कार्ड एवं शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण किया गया। जिसमें बालिका की आयु विवाह हेतु निर्धारित आयु से कम पायी गई। बालिका के गृह स्थल में परिवार के सदस्यों को विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, दण्ड के प्रावधान, बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए सगाई न करने की समझाइश दी गयी। अधिकारियों की समझाइश उपरांत परिवार द्वारा बालिका की निर्धारित आयु पूरी होने पर विवाह किये जाने हेतु तैयार हुए।
बाल बिवाह को रोकने हेतु निर्मित संयुक्त दल में परियोजना अधिकारी ठकेश्वर लांझे एवं संजय पोटाई, जिला बाल संरक्षण अधिकारी नरेन्द्र सोनी, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी सौरभ तिवारी, पुलिस विभाग के उप निरिक्षक अनीता मेश्राम एवं चाईल्ड लाईन से अमीन अली शामिल थे।