नीरज उपाध्याय/कोण्डागांव:- अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ जिला कोण्डागांव बंजारा समाज के द्वारा शुक्रवार को कोण्डागांव पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा, कोण्डागांव एसडीएम अजय उराव और कोण्डागांव कोतवाली थाने में पहुच कर समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटना की जानकारी देते हुए उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
कोण्डागांव बंजारा समाज के लोगों ने बताया कि बुधवार की रात्रि में कोण्डागांव के “जय माता दी मोबाईल” के संचालक द्वारा कोण्डागांव स्थित सेवालाल चौक में एक रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कुछ व्यक्तियों द्वारा हमारे समाज के धर्मगुरु संत सेवालाल जी महाराज की स्थापित मूर्ति पर चढ़कर अनुचित एवं असम्मानजनक हरकतें की गई, जो स्पष्ट रुप से मूर्ति का मजाक उड़ाने जैसा प्रतीत होता हैं। यह कृत्य हमारे बंजारा समाज की आस्था, मर्यादा एंव मान-सम्मान को गहरा आघात पहुँचाने वाला है, धार्मिक भावनाओं को भडकाने वाला है एवं क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है। संगठन के सदस्यों तथा स्थानीय नागरिकों ने इस घटना के दृश्य (विडियों/फोटो) देखे हैं, जिससे समाज में अत्यंत आक्रोश व्याप्त है। ऐसी गतिविधियों सामाजिक सदभाव को कमजोर करती है और असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देता है। समाज द्वारा कहा है कि घटना में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान कर गंभीर धाराओं के तहत कड़ी कानूनी कार्यवाही कि जाए। कार्यक्रम के आयोजकों एवं जिम्मेदार व्यक्तियों से पूछताछ कर, लापरवाही एवं धार्मिक भावनाओं को आहात करने के लिए दंडात्मक कार्यवाही की जाए। ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रमों की अनुमति एवं निगरानी प्रणाली को मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ न हों। समाज की भावनाओं को देखते हुए इस मामले में शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, जिससे सामाजिक सद्भाव बना रहें।हमारा संगठन हमेंशा शांति, न्याय, सामाजिक एकता और कानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानता है। अतः अपेक्षा है कि आप इस प्रकरण को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेंगें।
ज्ञापन सौंपने के दौरान बंजारा समाज के जिलाध्यक्ष सुखिया राम चौहान, सचिव भुनेश्वर राठौर, जिला पंचायत सदस्य नंदलाल राठौर, हीरासिंह राठौर, पुरुषोत्तम नायक, चरण भारद्वाज, आनंद पवार, मोतीलाल राठौर, पुरन लाल राठौर, घसूराम सीलोद,पांचीया राम चौहान,दयालु भारद्वाज, पुरूषोतम नायक, उत्तम राठौर, निरंजन राठौर, पंपेश्वर राठौर समेत भारी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
