नीरज उपाध्याय/केशकाल:- प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी केशकाल में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा व सकल जैन समाज के द्वारा हर्षोल्लास के साथ पर्युषण महापर्व मनाया जा रहा है। 20 अगस्त से प्रारंभ हुए इस पर्युषण महापर्व का 27 अगस्त को समापन हुआ। जहां अन्य राज्यों से आए उपासकों द्वारा प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के धार्मिक गतिविधियों का आयोजन करवाया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए और विभिन्न धार्मिक गतिविधियों में सहर्ष भाग भी लिया।
आपको बता दें कि पर्युषण पर्व के अवसर पर आचार्य श्री महाश्रमण जी के आध्यात्मिक निर्देशन पर महाराष्ट्र से आए उपासक पंकज चोपड़ा और कल्पेश कोचर जी केशकाल पहुंचे हैं। जिनके द्वारा स्थानीय ओसवाल भवन में प्रतिदिन सुबह से शाम तक भगवान की प्रार्थना, भक्तामर मठ, प्रवचन दिवस, धर्म चर्चा, सामूहिक प्रतिक्रमण, अर्हत वन्दना, सायंकालीन प्रवचन, तेरापंथ दर्शन आदि का आयोजन हुआ है। वहीं सोमवार की सुबह 6 बजे से ओसवाल भवन मे नवकार मंत्र का अखण्ड पाठ शुरू किया गया जो मंगलवार सुबह 6 बजे समाप्त हुआ।
उल्लेखनीय है कि जैन धर्म का सबसे पवित्र और आत्मिक पर्व पर्युषण है, जिसे आत्मशुद्धि, तपस्या, स्वाध्याय और क्षमा की भावना के साथ मनाया जाता है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मअनुशासन, संयम और आत्मचिंतन का वास्तविक अवसर है। हर साल भाद्रपद मास में मनाया जाने वाला यह पर्व श्वेतांबर और दिगंबर, दोनों जैन संप्रदायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान व्रत, ध्यान, उपवास और आत्मनिरीक्षण के माध्यम से आत्मा को शुद्ध करने की साधना की जाती है।
केशकाल | जैन समाज हर्षोल्लास के साथ मनाया पर्युषण महापर्व, विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का भी हुआ आयोजन
