श्री अजीत जोगी जी से प्रेरित होकर आया राजनीति में, हमारा संबंध गुरु-शिष्य जैसा था – खाद्यमंत्री अमरजीत भगत
1 min readश्री अजीत जोगी जी से प्रेरित होकर आया राजनीति में, हमारा संबंध गुरु-शिष्य जैसा था – खाद्यमंत्री अमरजीत भगत
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को याद करते हुए खाद्यमंत्री हुए भावुक
अंतिम यात्रा में सपरिवार पहुँचे अमरजीत भगत
श्री अजीत जोगी जी से प्रेरित होकर मैंने राजनीति के द्वारा जनसेवा का मार्ग चुना, यह कहना है प्रदेश के खाद्यमंत्री अमरजीत भगत का। सोशल मीडिया में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को याद करते हुए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत भावुक हो गये। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी जी का कल निधन हो गया था। यह खबर मिलते ही तुरंत मंत्री अमरजीत भगत तुरंत उनसे मिलने पहुँचे। आज उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो के माध्यम से अपनी भावनाएँ व्यक्ति कीं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को याद करते हुए बताया कि जोगी जी कहा करते थे कि गरीबों को कभी सताना नहीं चाहिये, हमेशा उनका साथ देना चाहिये। हम सदैव उनकी बातों का अनुसरण करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद हमने साथ-साथ अपने राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखा। विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारते थे बल्कि दुगुनी ताकत से आगे बढ़ते थे। साथ ही खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि श्री जोगी जी की प्रेरणा से ही राज्य बनने के बाद 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें विधानसभा जाने का अवसर मिला। खाद्यमंत्री भगत ने अपने संदेश में कहा कि श्री जोगी जी जब पार्टी से अलग हो रहे थे तब गुरू-शिष्य जैसा संबंध होने के बावजूद उन्होंने अपना पक्ष स्पष्ट रखा और कांग्रेस के ही साथ रहे। इसके बावजूद उन दोनों के संबंधों में कोई फर्क नहीं पड़ा। खाद्य मंत्री भगत ने अजीत जोगी जी के योगदानों को याद करते हुए बताया कि वर्तमान तेंदूपत्ता संग्रहण नीति उनकी मेहनत और कर्मठता का परिणाम है। जिसकी वजह से तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये आय के स्रोत का सृजन हुआ, इन संग्राहकों को बोनस देने की शुरुआत भी उन्हीं के कोशिशों से आरंभ हुआ।
अपने संदेश में उन्होंने स्व. अजीत जोगी के परिजनों के प्रति संवदेनाएँ प्रकट की व श्री जोगी जी की आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की।