November 26, 2024

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ओपीजेयू में IEEE प्रायोजित तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (OTCON 2.0) का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

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IEEE sponsored three-day International Technology Conference (OTCON 2.0) successfully concluded at OPJU

रायगढ़। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़ द्वारा IEEE प्रायोजित “इमर्जिंग  टेक्नोलॉजीज फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर तीन-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन (OTCON 2.0) का आयोजन 8 फरवरी से 10 फरवरी 2023  के दौरान किया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE)  द्वारा प्रायोजित  इस द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन  हाइब्रिड (फिजिकल एवं वर्चुअल दोनों ) माध्यम से किया गया ।  इस अंतर्राष्ट्रीय  सम्मलेन का उद्देश्य  दुनिया भर के उद्योग और शिक्षा के शोधकर्ताओं, शासकीय प्रतिनिधियों, उद्योगों और कॉर्पोरेट जगत  से शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं तथा सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साझा मंच प्रदान करना; और इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग, संचार और नेटवर्किंग, नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली प्रणाली, जैव सूचना विज्ञान, हेल्थकेयर, आईओटी के बहुआयामी क्षेत्र में अपने-अपने शोध, निष्कर्ष और परिणामो  को सभी के साथ साझा करने का अवसर प्रदान करना था, जिससे सतत विकास की सभी संभावनाओं की तलाश किया जा सके। सम्मेलन में दुनिया भर से शामिल हुए  वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, प्रोफेसरों, विद्वानों, उद्योग कर्मियों और शिक्षाविदों को उभरती हुईं प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपने मूल शोध कार्यों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला और प्रतिभागियों को नवीनतम शोध कार्यों के बारे में ज्ञान प्राप्त हुआ।

सम्मेलन के प्रथम दिन 8 फरवरी को जिंदल सेंटर, रायगढ़ में आयोजित उद्घाटन समारोह में  डॉ आर. डी. पाटीदार – कुलपति, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय रायगढ़ ने अभी अतिथियों का स्वागत किया और सम्मलेन के उद्देश्यों एवं अन्य जानकारियों को सभी के साथ साझा किया।  डॉ पाटीदार  ने बताया की सम्मेलन नवीन प्रौद्योगिकी  के क्षेत्रों मे विकास से संबन्धित दुनिया भर के शिक्षाविदों शोधकर्ताओं, उद्योगपतियों और अन्य संबंधितों को एक मंच पर लाना, उद्योग और शिक्षा के बीच की खाई को पाटना; और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श तथा उनके चिंतन करने के बाद एक सार्थक योजना के निर्माण की पहल करना; तथा संबन्धित अंनुसन्धान एवं ज्ञान को एक-दूसरे से साझा करने के लिए अवसर प्रदान  करना था और प्राप्त शोध पत्रों एवं उच्च कोटि के विद्वानों की उपस्थिति यह बताती है की अपने इस उद्देश्य की प्राप्ति में यह सम्मलेन सफलता प्राप्त करेगा। उन्होंने यह भी कहा की सम्मेलन प्रतिभागियों के लिए एक मजबूत अनुसंधान नेटवर्क बनाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच है, जिससे सभी प्रतिभागियों को नवीन प्रौद्योगिकी सीखने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।  उद्घाटन सत्र में उपस्थित अतिथियों  डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया (एनआईटी, रायपुर), डॉ. नरेंद्र एस चौधरी ( कुलपति – आसाम साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी) और श्री जी. रॉड्रिक्स (एक्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट-एच आर & इएस, जेएसपी, रायगढ़) ने अपने-अपने विचार सभी के साथ साझा किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आलोक कुमार चक्रवाल, कुलपति- गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने अपने प्रेरणास्पद उद्बोधन से सभी का मार्गदर्शन किया।  डॉ चक्रवाल ने सतत विकास की आवश्यकता और सतत विकास के महत्त्व को रेखांकित करते हुए इसके लिए आवश्यक सही दिशा में कार्य करने और सभी को मिलकर एक साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।  अंत में सम्मलेन के संयोजक डॉ भूपेश देवांगन ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सम्मेलन में तीन दिनों के दौरान 9 कीनोट सेशंस आयोजित किये गए जिसमे दुनिया भर के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने सम्मलेन के मूल विषय पर अपने विचार और अपने शोध कार्यों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया।  कीनोट सेशंस के प्रमुख वक्ता-ं डॉ मनीष बाजपेयी (IIITDM , जबलपुर ), डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया (एनआईटी, रायपुर), डॉ सूरज शर्मा (गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर), डॉ गणेश शुक्ल  (गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर), डॉ टी. पेरुमल (मलेशिया ), डॉ सची नंदन मोहंती (सर्बिया यूनिवर्सिटी), डॉ तनुप्रिया चौधरी (UPES, देहरादून) एवं डॉ सुरभि भाटिया (किंग फैजल यूनिवर्सिटी, सऊदीअरब) आदि रहे।  सम्मेलन में कुल 17 तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए जिसमे 156  शोधपत्रों का वाचन एवं प्रस्तुतितीकरण किये गए;  और 17  सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया। सम्मेलन में तीन दिनों के दौरान नवीन एवं उभरती हुई तकनीकों एवं सतत विकास से सम्बंधित  ज्वलंत विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।  व्याख्यानों के दौरान प्रतिभागियों द्वारा पूंछे गए प्रश्नो के संतोषजनक उत्तर भी वक्ताओं द्वारा दिए गए।

10 फरवरी 2023  को सम्मलेन के समापन सत्र में विशिष्ट अतिथिगण – कौशल शर्मा (एवीपी-यूनिट हेड, SSD, पूंजीपथरा ) एवं डॉ सूरज शर्मा (गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर) उपस्थित रहे।  सभी अतिथियों ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़  और सम्मलेन के आयोजकों को अत्यधिक आवश्यक विषय पर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दिया और सतत विकास में इसके योगदान को रेखांकित किया। सत्र के अंत में सम्मेलन के संयोजक डॉ कल्याण फनी  ने सम्मेलन में सभी आयोजन दल के सदस्यों, प्रतिभागियों और प्रख्यात वक्ताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

ज्ञातव्य हो कि रायगढ़ के पुंजिपथरा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में (राज्य बिल अधिनियम 13) देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह – जिंदल ग्रुप द्वारा देश और विदेश के छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से  की गई थी। विश्वविद्यालय विश्वस्तर के पाठ्यक्रम, विश्वस्तरीय शिक्षक, आधुनिक शिक्षण विधियाँ, अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे और शिक्षार्थियों को एक जीवंत परिसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित यह विश्वविद्यालय इस्पात प्रौद्योगिकी और प्रबंधन का सबसे विशिष्ट और विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनने की ओर अग्रसर है।

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