केशकाल | सूखा राशन वितरण के नाम पर बच्चों को दिया जा रहा गुणवत्ताहीन खाद्यान्न, पूर्व विधायक ध्रुव ने शासन से मामले में जांच करने की मांग की
1 min read
जर्नलिस्ट नीरज उपाध्याय –
केशकाल । केशकाल विधानसभा के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूखा राशन वितरण के नाम पर बच्चों को गुणवत्ता विहिन खाद्यान्न वितरण की सूक्ष्म जांच की मांग करते दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग किया है। पूर्व विधायक का कहना है कोरोना जैसे वैश्विक आपदा को पैसा कमा लेने का अवसर बना लेने वालों ने स्कूली बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने का अक्षम्य अपराध किया है। वही केशकाल के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार कृष्णदत्त उपाध्याय ने 16 नवंबर को केशकाल एसडीएम के माध्यम से जिला कलेक्टर को लिखीत शिकायत पत्र भेजकर सूखा राशन वितरण में धाधली कर बच्चो के जीवन से खिलवाड़ करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है।
एक ओर जहां छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने और महिला स्वालंबन का राग अलापती है वही दूसरी ओर सरकार के ही नुमाइंदे चंद रूपयों के लिए बच्चों को घटिया खाद्यान्न ठेकेदारों से सप्लाई करवाकर बच्चों को कुपोषित करने तथा मध्यान्ह भोजन व्यवस्था संचालन में अहं भागीदारी अदा करने वाली महिलाओं का काम छिनकर महिला स्वालंबन के लक्ष्य को धूल धूसरित करने का काम कर रहे हैं। इस विषय पर पूर्व विधायक ध्रुव के अनुसार कोंडागांव जिला के समस्त ब्लाकों में बहुत ही योजनाबद्ध ढंग से चुनिंदे लोगों को सूखा राशन आपूर्ति का काम दे दिया गया है, जिसके बाद ठेकेदार ने लोक शिक्षंण संचनालय द्वारा 20 सितंबर 2020 को जारी किए गये पत्र क्र.388 में जारी दिशा निर्देश का खुला उल्लघंन करते संकुल केंद्रों में एकमुश्त थोक में गुणवत्ता विहिन खाद्यान्न उतार दिया गया।
लोक शिक्षंण संचनालय द्वारा जारी आदेश के दिशानिर्देशों की हो रही अवहेलना –
ध्रुव ने बताया कि ठेकेदार की भांति ही जिला के संबंधित सक्षम अधिकारियों ने भी लोक शिक्षण संचालनालय के दिशा निर्देश को सलाम ताकि में रखकर सूखा राशन की गुणवत्ता एवं मात्रा की बगैर सत्यापन कराये आनन फानन में ठेकेदार का बिल बनवाकर पास करा दिया। लोक शिक्षंण संचनालय द्वारा जारी आदेश के दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक बच्चे के लिए उच्च गुणवत्ता का सूखा राशन का अलग अलग सीलबंद पैकेट बनाकर स्कूलों तक अथवा बच्चों के घर तक पंहुचाया जाना था परन्तु ठेकेदार ने रोक मे गुणवत्ता विहिन सामान संकुलों में दीपावली त्यौहार के एक दिन पूर्व ही उतार दिया गया। इस खेल में सरकारी अधिकारी ठेकेदार का कितना सहभागी बनें यह इस बात से प्रमाणित हो जाता है कि अधिकारियों ने कंही भी जाकर यह नहीं देखा की अनाज किस तरह से कब दिया गया और उसकी गुणवत्ता कैसी है तथा उसकी मात्रा कितनी है।
पूर्व विधायक ध्रुव ने शासन से मामले के जांच करने की मांग की-
सूखा राशन वितरण में सम्बंधित अधिकारियों के द्वारा बगैर मानिटरिंग एवं सत्यापन करवाये आनन फानन बिल बनाकर ट्रेजरी भेजकर बिल पास करवा दिया गया। बिल बनवाने एवं बिल पास करने में जिस स्फूर्ति प्रदर्शित किया गया वह उनकी संलिप्तता को प्रमाणिंत कर देता है। पूर्व विधायक ने पूरे मामले की जांच की मांग उठाया है वही केशकाल के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार कृष्णदत्त उपाध्याय ने 16 नवंबर को केशकाल एसडीएम के माध्यम से जिला कलेक्टर को लिखीत शिकायत पत् भेजकर सूखा राशन वितरंण में धांधली कर बच्चो के जीवन से खिलवाड़ करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग किया है।
उक्त मामले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी को लिखित शिकायत कर अवगत करवाया जाएगा- संकुल समन्वयक
इस विषय पर सुरडोंगर संकुल केंद्र समन्वयक मोइनुद्दीन शेख ने बताया कि इससे पहले जब स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा राशन वितरण किया जाता था तब हमें किसी प्रकार की शिकायत करने का मौका नही मिला था उनके द्वारा गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न वितरण किया जाता था। लेकिन जब से सूखा राशन वितरण का कार्य ठेकेदारों को दिया गया है तब से राशन की गुणवत्ता को लेकर सभी स्कूलों से हमें लगातार शिकायतें मिल रही हैं जिसके कारण बच्चों के स्वास्थ्य खराब होने की भी आशंका है। इसके लिए छुट्टियां खत्म होते ही हम खण्ड शिक्षा अधिकारी से मामले की शिकायत करेंगे तथा गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास करेंगे।