केशकाल | गुणवत्ताहीन सूखा राशन वितरण मामले में विधायक ने लिया संज्ञान, मुख्यमंत्री व खाद्य विभाग को पत्र लिख कर की जांच की मांग
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जर्नलिस्ट नीरज उपाध्याय –
केशकाल । केशकाल व बड़ेराजपुर ब्लॉक अंतर्गत स्कूलों में सूखा राशन वितरण के नाम पर बच्चों को गुणवत्ता विहिन खाद्यान्न वितरण करने का मामला प्रकाश में आया था, जिस पर अब राजनीति सरगर्मी तेज होती नजर आ रही है। केशकाल विधायक संतराम नेताम ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री व खाद्य विभाग को पत्राचार के माध्यम से जांच करने की मांग की है। साथ ही कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी को भी पत्र लिख कर मामले से अवगत करवाया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में पढ़ने वाले नन्हे बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये पोषक आहार के प्रति संकल्पित होकर आंगनबाडी, प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल के बच्चों को भी पोषक आहर युक्त सामग्री वितरण करने के जोर शोर से प्रयास जारी है। लेकिन केशकाल और बड़ेराजपुर ब्लॉक में स्कूली बच्चों के लिए दिए जाने वाले सूखा राशन में गुणवत्ताहीन सामग्रियां बांटी जा रही है। सम्बंधित अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से स्कूली बच्चों को सूखा राशन के रूप में दिए जा रहे दाल, तेल, नमक, सोयाबीन बड़ी आदि किसी सामग्री में गुणवत्ता नजर नही आ रही है जिसके कारण सुनियोजित तरीके से बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस विषय पर केशकाल विधायक व बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल संज्ञान में लिया है। तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व खाद्य विभाग को तत्काल पत्र लिख कर मामले में जांच की मांग की है, साथ ही कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा व जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा को भी पत्राचार के माध्यम से मामले से अवगत करवाया है।
विधायक संतराम नेताम ने कहा कि कोरोना काल के दौरान स्कूलों में मध्यान भोजन बंद होने के कारण स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरण किया जा रहा था। मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि केशकाल व बड़ेराजपुर ब्लॉक में सूखा राशन वितरण करने वाले ठेकेदारों के द्वारा गुणवत्ताहीन राशन सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है। ऐसे जो ठेकेदार है जिन्होंने घटिया सामग्री का वितरण किया है उसके लिए मैंने मुख्यमंत्री व खाद्य विभाग को पत्राचार के माध्यम से जानकारी देते हुए जांच की मांग किया है, यदि जांच में ठेकेदार दोषी पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पहली महिला स्व सहायता समूह के द्वारा सूखा राशन का वितरण किया जाता था लेकिन अब किसी ठेकेदार को राशन वितरण का काम दिया जा रहा है तो यह गलत है मै मांग करता हूँ कि राशन वितरण का कार्य फिर से महिला समूहों को दिया जाए।