खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने प्रदेश के खाद्यान्न एवं स्वास्थ्य व्यवस्था का जायज़ा लिया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए
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खाद्यमंत्री ने प्रदेश के खाद्यान्न एवं स्वास्थ्य व्यवस्था का जायज़ा लिया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए
★खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने सोमवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों के कलेक्टरों को कॉल कर पीडीएस राशन वितरण, स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
★जशपुर क्षेत्र (सरगुजा संभाग) के आदिवासी कोरवा जनजाति को राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मंत्री ने कलेक्टर, कमिश्नर से बातचीत की। इसके साथ ही खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने धुर नक्सल प्रभावित इलाके सुकमा और दंतेवाड़ा के कलेक्टरों एवं सम्भाग आयुक्त से बातचीत कर पीडीएस राशन वितरण और स्वास्थ्य स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने कलेक्टर, कमिश्नर और सचिव स्तर के अधिकारियों से बातकर उन्हें सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
★गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन और प्रशासन कोरोना महामारी के संक्रमण के रोकथाम हेतु से प्रभावी तरीके से लड़ रहा है। खाद्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन की स्थिति में लोगों को राशन उपलब्ध कराना सबसे बड़ा चुनौतिपूर्ण कार्य था और हमें खुशी है कि हमने प्रदेश के 58 लाख राशनकार्ड के माध्यम से लगभग 2 करोड़ 44 लाख जनता को 12 हज़ार 3सौ आठ शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 2 माह का मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
★खाद्यमंत्री ने बताया कि लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है, प्रदेश में अगले 1 साल के लिए राशन का भंडारण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
★खाद्यमंत्री ने अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ कुजूर, CMHO से बातकर मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी, कोविड वार्ड और आइसोलेशन वार्ड की स्थिति के बारे में जायज़ा लिया। बातचीत में जो कमियां पाई गईं उन्हें तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।
★गौरतलब है कि लॉक डाउन के चलते मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना का संचालन रुका हुआ है, जिससे आदिवासी अंचलों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिलने में परेशानी हो रही है। खाद्यमंत्री ने अपने प्रभार ज़िला जशपुर और बालोद के साथ ही पूरे प्रदेश के स्वास्थ विभाग का जायज़ा लेते हुए जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए।
★इसके साथ ही अधिकारियों से बात करते हुए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने आदिवासी इलाकों के लोगों के प्रमुख आय स्रोत वनोपज , महुआ, इमली इत्यादि के संग्रहण और विपणन के बारे में जानकारी ली और
अधिकारियों से बातकर कहा कि ये वनोपज अदिवासियों के आय के प्रमुख स्रोत हैं, जिसपर भी ध्यान देने की आवश्यकता है, उन्होंने इसकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
★गौरतलब है कि लॉक डाउन की स्थिति में जनता के सामने विषम परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं, ऐसे में खाद्य मंत्री लगातार सक्रिय हैं और प्रयास कर रहे हैं कि जनता को कम से कम परेशानी हो। वो जनता से लगातार संवाद कर रहे हैं। फेसबुक लाइव जैसे आधुनिक तकनीक के माध्यम से खाद्यमंत्री ने जनता से सीधा संपर्क बनाया हुआ है। पीडीएस राशन वितरण की मॉनिटरिंग वे स्वयं कर रहे हैं। इसके साथ ही जनता से जुड़ने के लिए उन्होंने हेल्पलाइन नम्बर 18001233714 भी शुरू किया है। जिमसें लॉक डाउन की स्थिति में आपातकाल में फंसे प्रदेश के लोग मदद मांग सकते हैं।