EXCLUSIVE (खबर का असर) | राज्य शासन ने PRIVATE HOSPITALS की मनमानी पर लगाई रोक, इलाज के लिए निर्धारित की गई दर, सुपरस्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर 3 श्रेणियों में बंटे अस्पताल, thenewswave.com की खबर का सीधा असर, पढ़ें यहां…!
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रायपुर । राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर का निर्धारण कर दिया है। इस खबर को सबसे पहले thenewswave.com ने बड़ी सक्रियता से सबके सामने लाया, जिस पर राज्य शासन द्वारा बड़ा फैसला लेते हुए निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगा दी गई और इलाज के लिए दरें तय की गई है। हमने आपको पहले ही बताया था कि किस तरह निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मरीजों को लाखों का बिल थमा रहे हैं, जिससे जनता काफी परेशानियों का सामना कर रही है।
बता दे कि निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर इन्हें 3 श्रेणियों में बांटा गया है।
ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। शेष जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं।
निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज में होने वाला व्यय मरीज को करना होगा स्वयं वहन
ए-श्रेणी वाले जिलों के एन.ए.बी.एच. (National Accreditation Board of Hospitals) मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें के साथ आक्सीजन एवं पीपीई किट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गंभीर स्थिति वाले मरीजों के उपचार के लिए रोजाना 12 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है। अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 17 हजार रूपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। इसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू (इनवेसिव/नॉन-इनवेसिव) एवं पीपीई किट शामिल है। वहीं एन.ए.बी.एच. से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200 रूपए, दस हजार रूपए एवं 14 हजार रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
बी-श्रेणी में शामिल जिलों के सुपरस्पेशियालिटी सुविधा वाले अस्पताल तीनों स्थिति (मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर) के मरीजों के इलाज के लिए ए-श्रेणी के लिए निर्धारित दर का 80 प्रतिशत और सी-श्रेणी वाले जिलों के अस्पताल 60 प्रतिशत शुल्क ले सकेंगे। सभी अस्पताल डायग्नोसिस के लिए आयुष्मान भारत एवं डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत आई.पी.डी. मरीजों के लिए निर्धारित शुल्क ही लेंगे। जहां ये योजनाएं लागू नहीं है वहां सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) दरों के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। सभी अस्पतालों में दवाईयों की कीमत वास्तविक बाजार मूल्य के अनुसार ही लिए जाएंगे।
मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ को इन नियमों का करना होगा पालन
कोविड-19 का इलाज करने वाले अस्पतालों को डॉक्टरों एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ के क्वारेंटाइन के लिए राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीएमआर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन भी अनिवार्य होगा। इन नियमों एवं दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। राज्य शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए यह आदेश एपेडेमिक डिसीज एक्ट-1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट-1949 तथा छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन-2020 के तहत जारी किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन इन नियमों के अंतर्गत दंडनीय होगा।