EXAM RELATED | होगी FINAL YEAR की परीक्षा, छात्रों को नही मिलेगा प्रमोशन, देश में एक्जाम को लेकर जारी बहस के बीच बड़ा फैसला…!
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नई दिल्ली । फाइनल ईयर परीक्षाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। कोरोना महामारी के बीच एक्जाम कराए जाने को लेकर देश में जारी बहस के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों के फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि विश्वविद्यालयों के फाइल इयर के एग्जाम होंगे। कोर्ट ने कहा कि किसी राज्य को लगता है, उनके लिए परीक्षा कराना मुमकिन नहीं, तो वह यूजीसी के पास जा सकता है। राज्य अंतिम वर्ष की बिना परीक्षा लिए विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं कर सकते। 30 सितंबर तक परीक्षा करवाने के लिए यूजीसी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खण्डपीठ ने कहा कि राज्य और यूटी स्वयं ही छात्रों को बिना परीक्षा पास नहीं कर सकते हैं। उन्हें कोविड-19 महामारी को देखते हुए यूजीसी से परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए संपर्क करना होगा। खण्डपीठ ने कहा कि यूजीसी गाइडलाइंस को खत्म करने का निवेदन अस्वीकार कर दिया गया है। किसी राज्य विशेष में परीक्षाओं को रद्द करने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यूजीसी के निर्देशों से उपर होंगे, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास छात्रों को बिना परीक्षा पिछले वर्षों के आधार पर पास करने का अधिकार नहीं है।
खण्डपीठ ने कहा कि यदि किसी राज्य में परीक्षाएं आयोजित करनेा संभव नहीं है तो राज्य सरकार यूजीसी से परीक्षाओं की तिथि में विस्तार की मांग कर सकती है। परीक्षाएं आयोजित करने की डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है। लेकिन परीक्षाएं कराने ही होंगे।
देश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में यूजी और पीजी कक्षाओं की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित हों या नहीं इसको लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में सुनवाई न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की खण्डपीठ फैसला सुना रही है।
वहीं छात्रों का पक्ष है कि उन्हें बिना परीक्षा दिये ही उत्तीर्ण घोषित किया जाए। बता दें कि मामले की सुनवाई 18 अगस्त को ही पूरी हो गयी थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था और और सभी पक्षों से तीन दिनों के भीतर लिखित रूप से अपनी अंतिम दलील दाखिल करने को कहा था।
इससे पहले अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में छात्रों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज सुबह 10.30 बजे सुनाया जाएगा। इस प्रकार फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर फैसले की राह देख रहे देश भर के लाखों परीक्षार्थियों का इंतजार थोड़ी ही देर में समाप्त हो जाएगा।
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा 6 जुलाई, 2020 को देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को अनिवार्य रूप से 30 सितंबर, 2020 तक पूरा करने से सम्बन्धित सर्कुलर जारी किया गया था। उस समय से ही कोविड-19 महामारी के दौरान परीक्षाएं कराने का विरोध किया जा रहा है। इसे लेकर देश भर के अलग-अलग संस्थानों के 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें छात्रों द्वारा अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिका में छात्रों के रिजल्ट, उनके आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर तैयार किए जाने की मांग की गई थी।
Supreme Court upholds the University Grants Commission's July 6 circular to hold University final year exams.
Court says States must hold exams to promote students. It says states under Disaster management Act can postpone exams in view of pandemic & can consult UGC to fix dates pic.twitter.com/EcLcgLuRIz
— ANI (@ANI) August 28, 2020