आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के कारण घर-घर जाकर दिया जा रहा रेडी-टू-ईट फूड
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आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के कारण घर-घर जाकर दिया जा रहा रेडी-टू-ईट फूड
छत्तीसगढ़ सरकार 6 माह से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं के पोषण का रख रही पूरा ख्याल
महिला समूह द्वारा पूरी गुणवत्ता और स्वच्छता से बनाया और वितरित किया जा रहा रेडी-टू-ईट फूड
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखा गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर इस दौरान प्रदेश के 6 माह से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार की नियमित रूप से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से रेडी-टू-ईट फूड घर-घर जाकर हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कुप्रभाव से बचाने के लिए प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्रों को आगामी 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र बंद रहने की अवधि में 6 माह से 6 साल तक बच्चों, गर्भवती और शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार रेडी-टू-ईट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके घर जाकर प्रदान किया जा रहा है। हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार वितरण के लिए आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ताओं को पर्याप्त मात्रा में रेडी-टू-ईट फूड के पैकेट उपलब्ध कराए गए है। ये रेडी-टू-ईट फूड चयनित महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किया जा रहा है। महिला समूह द्वारा इनके निर्माण में पूरी गुणवत्ता और स्वच्छता का ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए इसके वितरण में कोई समस्या नही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी-टू-ईट फूड पैकेटों के वितरण के दौरान भी पूरी तरह स्वच्छता और सावधानी रखी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद होने के बावजूद बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में कोई विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा। पूरक पोषण आहार के लिए राज्य सरकार द्वारा विभाग को पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया गया है।