Diwali 2024 | दीवाली आज या कल ? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
1 min readDiwali 2024 | Diwali today or tomorrow? Know the auspicious time and method of worship
दीपावली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। कार्तिक मास की अमावस्या को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ ही भगवान गणेश और कुबेर की भी पूजा होती है। पूरे घर को दीयों से रोशन किया जाता है। मान्यता है कि दिपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो घर रोशन और साफ-सुथरे होते हैं माता वहांं पर वास करने लगती हैं। दीपों के इस त्योहार को न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस साल दीपावली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है। ऐसे में हम आपको त्योहार की सही तिथि के साथ ही लक्ष्मी पूजन का सही मुहूर्त भी बताते हैं।
कब मनाई जाएगी दीवाली –
पंचागों के मुताबिक उदया तिथि के अनुसार ही दिन और त्योहार तय होते हैं। दीपावली की पूजा प्रदोश काल में शाम के समय की जाती है। पंचांग के मुताबिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को 3:52 पर होगी। वहीं समापन 1 नवंबर को 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। अमावस्या तिथि के समापन के बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। इस तिथि पर मांगलिक कार्य और पूजन वर्जित माना जाता है। ऐसे में दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
दिवाली लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त –
पंचांग के मुताबिक दिवाली पर प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5:36 पर हो रही है और समापन रात 8:11 पर हो होगा। दीपावली का पूजन वृषभ लग्न में श्रेष्ठ और विशेष फलदायी माना जाता है। वृषभ लग्न शाम 6 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर रात 8:20 मिनट तक रहेगा। ऐसे में लक्ष्मी पूजन शाम 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट के बीच करना चाहिए।
लक्ष्मी पूजन विधि –
लक्ष्मी पूजन के लिए ईशान कोण या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। सबसे पहले स्वास्तिक बनाएं। उसके बाद एक कटोरी में चावल रखें। फिर लकड़ी को चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसपर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी के साथ गणेश जी और कुबेर जी की तस्वीर भी होनी चाहिए। प्रतिमा पर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की तिलक, चंदन, पुष्प, धूप और दीपक से पूजा करें। तत्पश्चात दक्षिणा समर्पित करें और भोग लगाएं। आखरी में आरती करें और फिर पूरे घर में मुख्य द्वार पर दीपक रखें।