समाज को संगठित व एकजुटता से ही सतनामी समाज का विकास संभव: जगतगुरु रूद्र कुमार
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दुर्ग। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री जगतगुरु रूद्र कुमार आज दुर्ग जिले में आयोजित सतनामी समाज की जिला स्तरीय गुरुदर्शन एवं सतनाम धर्म महासम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। दुर्ग जिले के पदनाभपुर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय सतनामी समाज प्रमुख एवं वरिष्ठ सदस्यों के साथ महिलाओं द्वारा कैबिनेट मंत्री जगतगुरु रूद्र कुमार का आत्मीय स्वागत किया गया। इस महासम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए समाज के लोगों ने एक स्वर में सामाजिक एकता व एकजुटता का संकल्प लिया। कार्यक्रम में जगतगुरु रुद्र कुमार ने संतों एवं भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक एकता व एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज एकजुटता के साथ ताकत नहीं दिखाएगा तब तक समाज की स्थिति मजबूत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा व धन की कमी नहीं है कमी है तो लोगों में सिर्फ एकजुटता के साथ समाज में कंधे से कंधा मिलाकर अपने हक की मांग करने की। उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं ने समाज के लिए दिया गया बलिदान समाज के लिए सराहनीय है। इस दौरान राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर के विषयों पर संत समाज के लोगों ने जगतगुरु के समक्ष कई विषयों पर प्रस्ताव रखें। जिस पर जगतगुरु रूद्र कुमार ने विभिन्न विषयों पर समाज को दिशा निर्देशित भी किए।
मंत्री जगतगुरु रुद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि समाज के संगठित होने से ही समाज का हित है। हम सभी को परम पूज्य संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास जी के बताए मार्ग में चलना चाहिए। सभी समाज के लोगों को उनके बताए मार्ग पर चलने से समाज और लोगों का उत्थान होगा। उन्होंने समस्त सतजनों को समाज को संगठित और मजबूत करने की बात कही।
इस अवसर पर सर्वप्रथम मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने परमपूज्य बाबा गुरु घासीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत पूजा-अर्चना की और समस्त मानव समाज के कल्याण के लिए कामना की। इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए सत समाज के प्रतिनिधियों ने मंत्री गुरु रूद्रकुमार से समाज के विकास एवं उत्थान के लिए कई विषयों पर विस्तार से चर्चा की और अपने सुझाव दिए। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने उनके सुझावों को मूर्तरूप देने का भरोसा दिलाया।
संत शिरोमणी गुरू बाबा घासीदास के छठवें वंशज जगतगुरू रूद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में आज की स्थिति में हमारे समाज को विभिन्न किताबों में तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। हमारा समाज किन-किन परिस्थितियों से गुजरा है उन सभी का उल्लेख समाज की वेबसाइट जगतगुरू सतनाम पंथ डॉट काम में अपलोड किया गया है। आज बड़ी प्रसन्नता की बात है कि सतनाम समाज के सभी लोगों ने एक ही छत के नीचे एकजुटता दिखाई है।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्ष पूर्व सतनाम पंथ के प्रथम प्रणेता परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास जी ने इस संसार में सत्य अंहिसा और शांति का संदेश दिया था, जिसका अनुसरण विश्व में किया जा रहा है। अपने धर्म संदेश के द्वारा उन्होंने सभी वर्गों, सम्प्रदायों एवं मानव समाज की एकता और भाईचारा पर विशेष जोर दिया। इस प्रकार उनके विचार युग-युगान्तर तक प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के लोगों की बहुलता है। उन्होंने समाज के लोगों को एकजुट होने का आव्हान किया और कहा कि चाहे धर्म की बात हो, चाहे समाज के विकास की बात हो, एकता के साथ एक मंच पर सभी का खड़ा होना जरूरी है।
इस जिला स्तरीय गुरु दर्शन एवं सतनाम धर्म महासम्मेलन के दौरान परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी के छठवे वंशज गुरु गद्दीनशीन जगतगुरु रूद्रकुमार ने सम्मेलन में आए सभी समाज के लोगों को अपना आशीर्वचन देते हुए उन्हें धनतेरस एवं दीपावली पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर गुरु प्रवक्ता डॉक्टर एम.के. कौशल, राजमहंत, जिला महंत, विभिन्न संस्था समिति के पदाधिकारी, सदस्यगण, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी-कर्मचारी, भंडारी, साटीदार एवं बड़ी संख्या में संतों और भक्तों की उपस्थिति रही।