Corona Vaccine Price Breaking | प्राइवेट अस्पतालों के लिए कोरोना वैक्सीन का रेट फ़िक्स, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को भेजा पत्र, आप भी जानियें
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नई दिल्ली । प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन का रेट फिक्स कर दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को इस बाबत जानकारी दी है। को-विन पोर्टल पर भी कोरोना वैक्सीन रेट अपेड किया जाएगा। कोविशील्ड के प्राइवेट अस्पतालों में 780 रुपये फिक्स रहेंगे। कोवैक्सीन का निजी अस्पतालों में रेट 1410 और स्पूतनिक V के लिए 1145 रुपये का रेट तय किया गया है। राज्यों से तय रेट का अमल कराने को कहा गया है।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराक का ऑर्डर –
इस बीच केंद्र सरकार ने Covid-19 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दिया है। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र राज्यों के खरीद कोटे को अपने हाथों में ले लेगा और 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए राज्यों को टीके मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि निर्माताओं द्वारा कोरोना वैक्सीन की इन 44 करोड़ खुराकों की आपूर्ति अगस्त और दिसंबर के बीच की जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों में बदलाव की कल प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा किए जाने के बाद केंद्र ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कोविशील्ड की 25 करोड़ खुराक और भारत बायोटेक को कोवैक्सीन की 19 करोड़ खुराक के लिए ऑर्डर दिया है।
सरकार पर पड़ेगा 1.45 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ –
सरकार को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच लोगों को फ्री टीका और खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी 18+ को फ्री टीका लगवाने की घोषणा से सरकारी खजाने पर 45,000 करोड़ रुपये से 50,000 करोड़ रुपये के बीच का बोझ पड़ेगा। यह सरकार द्वारा तय किए गए 35,000 करोड़ रुपये के बजट से ज्यादा है।
खाद्यान्न योजना का भी बजट बढ़ा
साथ ही करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को नवंबर तक हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराने पर 1.1 लाख करोड़ रुपये से 1.3 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सूत्रों ने कहा कि इन दोनों पर कुल खर्च 1.45 लाख करोड़ रुपये के करीब बैठता है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने अब जून में समाप्त होने वाली निशुल्क खाद्यान्न योजना को नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार को रिजर्व बैंक के उम्मीद से ज्यादा 99,122 करोड़ रुपए के लाभांश मिलने और पेट्रोल एवं डीजल पर लागू ऊंचे टैक्स से इन कार्यों को पूरा करने के लिये पर्याप्त फंड मिल गया होगा।