रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर ने आज कवर्धा हिंसा मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया।
वही, राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि कवर्धा में भड़की हिंसा को संभालने में जिला प्रशासन से चूक हुई थी। राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि पूरी घटना सुनियोजित थी व हिंसा के एक दिन पहले कवर्धा शहर के स्कूलों में लोग बाहर से आकर ठहरे थे।
चौबे ने कहा की दो लोगों की आपसी लड़ाई को जो रंग दिया गया वह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक रात पहले, कवर्धा, दुर्ग, बिलासपुर, कुरूद से लोगों को ले जा कर कवर्धा के स्कूलों में ठहराए गया था। इस घटना में प्रशासनिक भी चूक हुई है। हम उससे इनकार नहीं करते हैं। उसकी भी समीक्षा करेंगे, बाहर से लोग आये थे, उन्हें चिन्हांकित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है जो भी दोषी हैं। वीडियो फुटेज में जो दिख रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई हो। मंत्री चौबे ने आगे कहा कि बीजेपी ने धर्मान्तरण को मुद्दा बनाने की कोशिश की। अब कवर्धा की घटना को धार्मिक रूप देना चाहते हैं ।
मंत्री चौबे ने बताया की पूरी घटना के विडियो फुटेज खंगाला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि वीडियो फुटेज में जिनके चेहरे दिख रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई होगी। कवर्धा में भाजपा ने राजनीतिक व साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की। कवर्धा में समाज प्रमुखों ने माहौल बिगाड़ने वालो की निंदा की। भाजपा साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है, प्रदेश की जनता देख रही है, कवर्धा की जनता कवर्धा को अशांत करने वालो को माफ नहीं करेगी।
मंत्री चौबे ने कहा कि वीडियो फुटेज में बीजीपी से जुड़े लोगों के चेहरे दिख रहे हैं। आईजी ने कहा है कि वीडियो फुटेज में जो लोग दिखाई दे रहे है, वो बीजेपी के लोग है। मंत्री चौबे ने सवाल उठाया कि शहर के बाहर से लोग क्यों आये थे ? उन्हें स्कूलों और अन्य स्थानों में क्यों रुकाया गया था। अगले दिन जुलुस निकाल कर क्यों माहौल को सांप्रदायिक रूप दिया गया ?
बहरहाल, कवर्धा की स्थिति पहले से बेहतर हैं व इंटरनेट सहित जरूरी चीजों के सेवाएं चालू कर दी गई हैं। सीएम ने कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं।