Chhattisgarh | लाल किले में गूंजा “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”, गेड़ी नृत्य ने जीता अंतरराष्ट्रीय मंच

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रायपुर, 15 दिसंबर 2025। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की सांस्कृतिक संस्था ‘लोक श्रृंगार भारती’ के गेड़ी लोक नृत्य दल ने नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में अद्भुत प्रस्तुति दी। यह कार्यक्रम यूनेस्को और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के आमंत्रण पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय समारोह का हिस्सा था, जिसमें 180 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

7 से 13 दिसंबर तक चले इस समारोह में बिलासपुर के गेड़ी नर्तकों ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलाकारों को बधाई और शुभकामनाएं दी। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी प्रभावित होकर कहा, “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”।

कार्यक्रम का ऐतिहासिक क्षण तब आया जब दीपावली महापर्व को यूनेस्को ने विश्व सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी। इस अवसर पर गेड़ी नृत्य दल की प्रस्तुति को विशेष सराहना मिली।

मुख्य गायक एवं नृत्य निर्देशक अनिल गढ़ेवाल के नेतृत्व में कलाकारों ने अपने ऊर्जावान और रोमांचक प्रदर्शन से अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, विभिन्न राज्यों के कलाकार और 180 देशों के डेलिगेट्स उपस्थित रहे।

मुख्य गीत “काट ले हरियर बांसे” और मांदल, हारमोनियम व बांसुरी वादन ने विदेशी प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ी संस्कृति से परिचित कराया। कलाकारों ने मानवीय संरचनाएं बनाकर साहसिक करतब दिखाए, जिससे पूरा प्रांगण तालियों से गूंज उठा।

परंपरागत वेशभूषा, कौड़ियों और चीनी मिट्टी की मालाओं, पटसन वस्त्र और मयूर पंख के साथ प्रस्तुत यह भावनात्मक और साहसिक नृत्य छत्तीसगढ़ को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सांस्कृतिक पहचान दिलाने में सफल रहा। यूनेस्को के महानिदेशक डॉ. खालिद एन. एनानी सहित सभी प्रतिनिधियों ने कलाकारों के साथ स्मृति चित्र लिया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

 

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