Chhattisgarh | तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने मनाया जाएगा विश्व तंबाकू निषेध दिवस
1 min readChhattisgarh | World No Tobacco Day will be celebrated to spread awareness among people about the dangers of tobacco and its negative effects on health
‘‘हमें खाने की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं’’ थीम पर आधारित होगा तंबाकू निषेध दिवस
रायपुर। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तंबाकू निषेध दिवस प्रतिवर्ष 31 मई को मनाया जाता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। इसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को सामना करना पड़ता है। हर साल लाखों की संख्या में लोगों की मौत तंबाकू या उससे निर्मित उत्पादों के सेवन के कारण होती हैं। लोगों को इसके नुकसान के बारे में बताते हुए तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने के साथ तंबाकू आधारित उद्योगों, व्यवसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है। वर्ल्ड नो टोबैको डे 2023 की थीम है ‘‘हमें खाने की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं।’’ इस थीम के जरिए डब्ल्यूएचओ किसानों को तम्बाकू उगाने के बजाय ज्यादा से ज्यादा अनाज उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सभी से अनुरोध किया है कि वे तंबाकू उत्पाद मुक्त समाज सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा बनें और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर अपने भविष्य को तंबाकू उत्पादों से मुक्त बनाएं।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि धूम्रपान करने से शरीर पर अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इसके सेवन से जहाँ फेफड़े, बड़ी आंत, लिवर और मुंह के कैंसर होने की संभावना है, वहीं यह डाइबिटीज, हृदय रोग और रक्तचाप को भी बढ़ाता है। इसके सेवन से दाँत भी पीले अथवा भूरे होकर खराब होने लगते हैं और बालों से भी दुर्गंध आने लगती हैं। तंबाकू के धुएँ में पायी जाने वाली कार्बन डाई-ऑक्साइड गैस, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को घटाती है। तंबाकू में पाये जाने वाला निकोटिन मस्तिष्क और माँसपेशियों को प्रभावित कर रक्तचाप को बढ़ाता है। यह दिमाग को भी प्रभावित करती है और फेफड़ों में इसका धुआं म्यूकस कोशिकाओं को बढ़ाता है।
तंबाकू के बढ़ते प्रयोग को रोकने और धूग्रपान पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार की ओर से भी कड़े कदम उठाए जाते रहें है। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप भारत सरकार ने मई 2003 में ‘‘सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (कोटपा)’’ अधिनियम पारित किया था । जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है और धूम्रपान करते पाए जाने पर 200 रूपये तक का जुर्माना हो सकता है । होटल, रेस्तरां, सिनेमा हाल, मॉल आदि के मालिकों को 60सेमी×30सेमी बोर्ड पर नो स्मोकिंग बोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य है । तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया गया है साथ ही प्रदेश में हुक्का बार बैन किया गया है। उल्लंघन करने पर 1000 से 5000 रूप्ये जुर्माना या 5-10 साल की कैद हो सकती है। 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। साल 2008 में सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान निषेध कानून लाया गया है।