Chhattisgarh | Women’s health gets a new dimension in Chhattisgarh with the ‘Healthy Women, Strong Family’ campaign…
रायपुर, 3 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ में महिला स्वास्थ्य और परिवार सशक्तिकरण को नई दिशा देने वाला “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान राज्यभर में मिसाल बन गया है। बीते पखवाड़े भर चले इस अभियान के तहत 31 हजार से अधिक शिविरों में 22 लाख से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई। इनमें महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही, जिससे यह स्पष्ट है कि अब ग्रामीण अंचलों की महिलाएं भी स्वास्थ्य के प्रति सजग और जागरूक हो रही हैं।
इन शिविरों में महिला स्वास्थ्य, पोषण, अनीमिया, गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण और गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया गया। आंकड़ों के अनुसार –
5 लाख लोगों की अनीमिया जांच की गई,
1.91 लाख गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग,
2.72 लाख लोगों की सिकल सेल जांच,
3.72 लाख लोगों की टीबी जांच,
और 67 हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया गया।
इसके साथ ही 13 लाख लोगों को स्वास्थ्य जागरूकता और परामर्श दिया गया, जिसमें आयरन-फोलिक एसिड की महत्ता, संतुलित आहार, स्वच्छता और जीवनशैली सुधार जैसे विषय शामिल रहे।
राज्य सरकार ने इस अभियान को नवरात्रि महोत्सव से जोड़कर इसे जनआंदोलन का रूप दिया। मंदिरों और गरबा स्थलों पर हजारों महिलाओं ने ‘स्वस्थ नारी – सुरक्षित परिवार’ का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने महिलाओं को नियमित जांच और मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।
अभियान के अंतर्गत 36,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड वितरित किए गए, जिससे अब उन्हें निःशुल्क उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा –
“स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है। यह अभियान केवल इलाज नहीं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति सोच बदलने की दिशा में बड़ा कदम है। टीबी मुक्त भारत 2025 के संकल्प में छत्तीसगढ़ की भूमिका निर्णायक होगी।”
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा –
“गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हमारी प्राथमिकता है। इस अभियान ने लाखों महिलाओं को अनीमिया, सिकल सेल और टीबी जैसी बीमारियों की जांच व परामर्श उपलब्ध कराकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है।”
‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाया, बल्कि यह भी साबित किया कि जब महिलाएं जागरूक होती हैं, तो पूरा समाज सशक्त बनता है।

 
									 
			 
			 
			