Chhattisgarh | मिर्च की खेती से महिलाएं स्व-रोजगार की राह पर
1 min readChhattisgarh | Women on the path of self-employment through chilli farming
जशपुर के पाठ क्षेत्र मिर्च की खेती के लिए प्रसिद्ध
रायपुर। जशपुर के किसान काजू, नाशपत्ती, लीची, चाय के खेती के साथ, पत्थलगांव क्षेत्र में टमाटर, बगीचा के पाठ क्षेत्रों में हरी मिर्च और टाऊ एवं आलू की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। ग्राम पंचायत मनोरा में उजाला स्व-सहायता समूह की महिलाएं मिर्च की खेती कर रही हैं। अब महिलाएं स्व-रोजगार की राह में चलकर आत्मनिर्भर बनती चली जा रही है। समूह की महिलाएं मिर्च की खेती करके अपने परिवार के पालन-पोषण में सहयोग कर पा रही है।
जशपुर जिला प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण जिला माना जाता है। यहां पर सुन्दर हरे-भरे पेड़-पौधे, नदी-नाले, पहाड़, झरने सहज ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। गर्मी के मौसम के लिए जशपुर जिला छुट्टी बिताने के लिए प्राकृतिक दृष्टिकोण से बहुत ही अच्छी जगह है। हरियाली होने के कारण यहां का तापमान गर्मी के मौसम में लोगों के लिए उपयुक्त रहता है और अधिक गर्मी भी नहीं पड़ती है। पाठ क्षेत्र हरी मिर्ची की पैदावार के लिए जाना जाता है और यहां पर मिर्च की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है। जशपुर का मिर्च रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग सहित बड़े शहरों एवं उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, दिल्ली जैसे बड़े राज्यों में बड़ी संख्या में निर्यात किया जाता है। मिर्च की खेती से जशपुर के किसान आर्थिक रूप से सक्षम बनते जा रहे हैं और अपने परिवार के साथ अच्छे से जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
इसी कड़ी में जशपुर जिले के उजाला महिला स्व-सहायत समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित मिर्च का स्थानीय बाजार सहित जिले के बाहर भी मांग बड़ी मात्रा की जा रही है, जिससे मिर्च की विक्रय बढ़ती जा रही है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं अब तक 8 क्विंटल मिर्च की बिक्री कर चुकी है और मिर्च के विक्रय से लगभग 64 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर चुकी हैं।