November 24, 2024

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Chhattisgarh | बिहान योजना से महिलाएं हुई आर्थिक रूप से सशक्त, आयमूलक गतिविधियों से कमा रही हजारों का मुनाफा

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Chhattisgarh | Women became economically empowered by Bihan Yojana, earning profit of thousands from income oriented activities

रायपुर। छत्तीसगढ़ के वनांचल एवं सुदूर क्षेत्रों में स्थित गांवों में निवासरत महिलाएं अब आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ लेकर उन्होंने आयमूलक गतिविधियां करना शुरू किया है, जिससे उनके जीवन में नया सबेरा आया है। वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

कोंडागांव जिला में एनआरएलएम से प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता प्राप्त कर फरसगांव विकासखंड के अंतर्गत ग्राम मोहलई की जय मां बमलेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। समूह की श्रीमती फूलन बाई पांडे बताती हैं कि समूह के द्वारा लगभग ढाई एकड़ कृषि भूमि पर करेला एवं मिर्ची की खेती की जा रही है। इसके लिए समूह को योजनांतर्गत बैंक लिंकेज के माध्यम से 2 लाख रुपए का ऋण निम्न ब्याज दर पर प्राप्त हुआ था, जिसे खेती में लगाकर आजीविका संवर्धन किया जा रहा है। अब तक उनके द्वारा सब्जी बेचकर लगभग 70 हजार रुपए तक का शुद्ध आय प्राप्त हो चुका है। इसके साथ ही महिलाएं मछली पालन का भी कार्य कर रही है, जिससे उन्होंने अब तक 70 हजार 800 रुपए कमाया है।

कोंडागांव के ही फरसगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत हिर्री की मां शीतला स्व-सहायता समूह मछली पालन का कार्य कर रही है। इसके लिए समूह को योजनांतर्गत बैंक लिंकेज के माध्यम से 5 लाख रूपए का ऋण निम्न ब्याज दर पर प्राप्त हुआ था। महिलाओं ने मछलियों का स्थानीय बाजारों में विक्रय कर अब तक 65 हजार रुपए तक का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। फरसगांव ब्लॉक के ही ग्राम पंचायत मोदे के सूरज स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा दिसंबर 2021 से छोटे स्तर पर मुर्गी पालन का कार्य किया जा रहा है। इस व्यवसाय से समूह की महिलाओं को अब तक 65 हजार 300 रुपए का शुद्ध आय प्राप्त हो चुका है। फरसगांव ग्राम ब्लॉक के ही ग्राम पंचायत कोर्राबड़गांव के वसुंधरा स्व-सहायता समूह की महिलाएं अप्रैल 2022 से किराना दुकान संचालन का कार्य कर रहे हैं, जिससे समूह की महिलाओं को अब तक 54 हजार रुपए तक का शुद्ध आय प्राप्त हो चुका है।

समूह की महिलाएं बताती हैं कि बिहान समूह से जुड़ने से पहले वे सभी पारंपरिक खेती किसानी के साथ गृह कार्य ही किया करती थी। बिहान समूह से जुड़ने के पश्चात उनके जीवन में अद्भुत परिवर्तन आया है अब वे सभी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के साथ पारिवारिक खर्चों में भी अपना योगदान प्रदान कर पा रही हैं। जिससे वे सभी बहुत खुश हैं तथा आत्मनिर्भर बनकर गर्व के साथ अपना जीवन यापन कर रही हैं।

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत महिलाओं को रोजगार से जोड़कर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान का शुभारंभ किया गया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने स्व-सहायता समूहों को कौशल विकास उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।

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