Chhattisgarh | क्या शिक्षक बीरेंद्र पांडे और परिवार के षड़यंत्र का होगा अंत? पीड़िता ने खोले बेनामी संपत्ति और कूटरचना के राज, शिकायत पहुंची पीएमओ-सीएमओ तक

Chhattisgarh | Will the conspiracy of teacher Birendra Pandey and his family come to an end? The victim revealed the secrets of benami property and forgery, the complaint reached PMO-CMO
रायपुर, 8 अप्रैल। राजधानी रायपुर में शासकीय शिक्षक बीरेंद्र पांडे और उनके परिवार द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी और षड़यंत्र अब धीरे-धीरे उजागर होते नजर आ रहे हैं। पीड़िता मंजू परिहार ने बीरेंद्र पांडे पर उनकी निजी जमीन हड़पने की साजिश, कोर्ट अवमानना और समझौता उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
बताया गया कि पीड़िता की भूमि पर जबरन कब्जा करने के लिए बीरेंद्र पांडे ने नियमों को ताक पर रखते हुए षड़यंत्र रचा। इतना ही नहीं, खुद के हस्ताक्षरयुक्त कानूनी सहमति पत्र को भी दरकिनार कर उन्होंने कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की। जिला प्रशासन द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों को भी नजरअंदाज कर मनमानी करते रहे।
पीड़िता मंजू परिहार का आरोप है कि बीरेंद्र पांडे ने बार-बार समझौते का नाटक रचकर समय निकाला, लेकिन वास्तव में उनका उद्देश्य जमीन हड़पना और मानसिक प्रताड़ना देना था। उन्होंने आरोप लगाया कि बीरेंद्र पांडे प्रशासन को जेब में रखने की बात कहते हुए उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप फैलाते रहे। हालांकि, बीरेंद्र अब तक किसी भी आरोप को प्रमाणित नहीं कर पाए हैं।
वहीं, पीड़िता ने ठोस दस्तावेजों के साथ बीरेंद्र पांडे पर धोखाधड़ी, गबन और बेनामी संपत्ति बनाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बीरेंद्र पांडे को दस्तावेजों के आधार पर खुली चुनौती भी दी है।
मामले की शिकायत कई विभागों तक पहुंची
इस पूरे प्रकरण की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO), शिक्षा विभाग, कलेक्टर कार्यालय, आयकर विभाग (IT), एंटी करप्शन ब्यूरो और लोकायुक्त तक की गई है। पीड़िता का कहना है कि अब मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ED) में भी ले जाया जाएगा, ताकि बीरेंद्र पांडे और उनके परिवार की कथित बेनामी संपत्ति और आर्थिक अनियमितताओं की जांच हो सके।
अब निगाहें विष्णु सरकार पर
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद आमजन को उम्मीद थी कि ‘सुशासन’ का वादा जमीन पर दिखेगा। अब सवाल यही उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार इस गंभीर मामले में कड़ी कार्रवाई कर पीड़िता को न्याय दिला पाएगी?
बीरेंद्र पांडे के खिलाफ यदि सख्त कदम उठाए जाते हैं तो यह एक मिसाल बनेगा, जिससे आम जनता का भरोसा प्रशासनिक व्यवस्था पर और मजबूत होगा।