राममय होगा छत्तीसगढ़ | 10 से अधिक राज्यों के रामायण दल होंगे शामिल, विदेशी दलों की रामायण प्रस्तुति होगी आकर्षक
1 min readChhattisgarh will be blessed. Ramayana teams from more than 10 states will be involved, Ramayana presentation by foreign parties will be attractive
मशहूर कलाकारों और कवि करेंगे शिरकत
कुमार विश्वास, मैथिली ठाकुर, बाबा हंसराज रघुवंशी, लखबीर सिंह लक्खा, शंमुख प्रिया और शरद शर्मा की होगी प्रस्तुति
रायगढ़ के रामलीला मैदान में ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ 01 से 03 जून तक
रायपुर। छत्तीसगढ़ आगामी माह राममय होने जा रहा है। 01 से 03 जून तक रायगढ़ के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। संस्कृति विभाग द्वारा महोत्सव की तैयारियाँ ज़ोरों पर किया जा रहा है। महोत्सव में विशेष रूप से अरण्य कांड पर केंद्रित रामायण गाथा की प्रस्तुति होंगी। मान्यता है कि भगवान श्री राम अपने वनवास काल के दौरान ज्यादातर समय छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में बिताए थे। महोत्सव में विदेशी कलाकारों द्वारा भी आकर्षक स्वरूप में रामगाथा का मंचन किया जाएगा।
संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, गोवा, असम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ ही लगभग 10 राज्यों के रामायण दल महोत्सव में शामिल होने वाले हैं। इसके साथ ही विदेशी रामायण कलाकारों के द्वारा विशेष रूप से रामायण का आकर्षक मंचन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दक्षिण एशियाई देशों में भी रामलीला के मंचन की परंपरा जीवित है, उन देशों के दल भी रामायण महोत्सव में शामिल होंगे।
तीन दिवसीय इस वृहद आयोजन में प्रतिदिन राष्ट्रीय स्तर के बड़े कलाकारों की प्रस्तुतियाँ भी होंगी। 1 जून को इंडियन आइडल फेम शंमुख प्रिया और सारेगम फेम शरद शर्मा शिरकत करेंगे। वहीं 2 जून को मशहूर गायक बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा की संगीतमय प्रस्तुतियाँ होंगी। 3 जून को लोकप्रिय भजन गायिका मैथिली ठाकुर और देश के मशहुर कवि कुमार विश्वास की प्रस्तुति से रामभक्ति की धारा बहेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य शासन द्वारा राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के तहत भगवान श्री राम के वनवास काल के दौरान यात्रा से जुड़े प्रदेश की ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के रुप में विकसित किया जा रहा है। सरगुजा से लेकर बस्तर तक जहाँ-जहाँ प्रभु श्री राम के चरण पड़े हैं, उन स्थलों को पर्यटन के रुप में विकसित किया जा रहा है।