Chhattisgarh | बिन सबूत पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता मंत्री पर लगाते रहे अपहरण का आरोप, तथाकथित अपहृत व्यक्ति ने भाजपा पर राजनीति करने का लगाया आरोप
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रायपुर । इन दिनों छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का एक ट्वीट से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इस ट्वीट में रमन सिंह ने सत्ताधारी काँग्रेस सरकार पर कई इल्जाम लगाए हैं। ये बात और है कि उनका यह ट्वीट उनके ही गले की फांस बन गया क्योंकि इस घटनाक्रम में एक अलग ही मोड़ ले लिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री अमरजीत भगत के बेटे द्वारा जशपुर में एक जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद अब इस मामले में जमकर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी का हवाला देते हुए सांसद गोमती साय की अध्यक्षता में इस मामले की जांच कराई थी। जबकि यह जमीन खरीदी प्रक्रिया में पूरी तरह से नियमों का पालन किया गया था।
बीजेपी के नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इस जमीन खरीदी मामले में कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दिनेश कोरवा नामक युवक के अपहरण में काँग्रेस के मंत्री के हाथ होने की बात भी कह दी थी।
मामला उजागर होते ही जिले में कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। इस मामले में राजनीति और गरमा गई जब, जमीन के सौदेबाजी में अहम् भूमिका निभाने वाले दिनेश कोरवा के अपहरण व् लापता होने की खबर से पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होने शुरू हो गए थे। बीजेपी ने इस मुद्दे पर और राजनीति शुरू कर दी। बीजेपी के नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव दिनेश कोरवा के परिवार से मिलने उनके गाँव पंहुचे गए और उसके बाद उन्होंने कांग्रेस सरकार पर ही अपहरण का आरोप लगा दिया था।
कहानी में ट्विस्ट तब आ गया जब रमन सिंह ने भी बिना किसी पुख्ता आधार के एक ट्वीट में अपनी भड़ास निकाली जो उन पर ही गलत साबित हो गई।
रमन सिंह ने ट्वीट में लिखा –
“ @bhupeshbaghel जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महा जंगलराज का शुभारंभ हो चुका है! अब सरकार के मंत्रियों के संरक्षण में ही आदिवासियों की जमीन हड़पी जा रही है और शिकायत करने वाले को गायब कर दिया जा रहा है। सरकार लूटो, खाओ की नीति पर चल रही है”।
इस ट्वीट के दावे की हवा तब निकल गई जब तथाकथित अपहृत युवक दिनेश कोरवा को जशपुर की कुनकुरी पुलिस ने ढूंढ निकाला है। इतना ही नहीं अब दिनेश कोरवा खुद बता रहा है कि उसका अपहरण नहीं हुआ, वह अपने दोस्त के यहाँ चला गया था। दिनेश कोरवा ने अपने खुलासे में बीजेपी नेताओं पर मामले में राजनीति करने का गंभीर आरोप भी लगाया है।
राजनीति के नाम पर भ्रम फैलाने का दौर चल रहा है। जब कोई विकास का मुद्दा ना मिले तो भ्रम की राजनीति ही काम चलाऊ हथियार बनती जा रही है। रमन सिंह भी इसी प्रवत्ति का शिकार हो गए दिखाई देते हैं।