Chhattisgarh | सिमगा से कवर्धा तक टू-लेन सड़क, 300 से ज्यादा ब्लॉक में दरारें, भारत सरकार ने ठेका कंपनी का भुगतान रोका
1 min readTwo-lane road from Simga to Kawardha, cracks in more than 300 blocks, Government of India stopped payment of contract company
रायपुर। रायपुर-जबलपुर नेशनल हाईवे-30 पर सिमगा से कवर्धा तक टू-लेन सड़क बनी है। इस 71 किमी सड़क पर 300 से ज्यादा ब्लॉक में दरारें हैं। 394 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस सड़क को बनाने वाली ठेका कंपनी को केंद्र से सजा मिली हैं।
बता दे गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते NH अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 4 साल बाद भी इसे हैंडओवर नहीं लिया है। स्थिति यह है कि भारत सरकार ने ठेका कंपनी का भुगतान ही रोक दिया। यही नहीं इस टू-लेन सड़क पर दरारें सुधार कर कांक्रीट के ऊपर बीटी (डामरीकृत) सड़क बनवाने की तैयारी है। ठेका कंपनी को ही इसके ऊपर डामरीकृत सड़क बनाना होगा। साथ ही लाइफ टाइम (लगभग 30 साल तक) मेंटेनेंस भी उसी कंपनी को करना होगा। वह भी इसके लिए सरकार अलग से भुगतान नहीं करेगी।
केंद्र ने दिल्ली से भेजी थी एक्सपर्ट की टीम –
बता दें कि 394 करोड़ रुपए की लागत से सिमगा से बेमेतरा होते हुए कवर्धा तक 71 किमी लंबी टू-लेन सड़क बनी। गुणवत्ताहीन निर्माण की शिकायत पर भारत सरकार ने जांच के लिए दिल्ली से एक्सपर्ट की टीम भेजी थी। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान टीम को पूरी सड़क पर 300 से ज्यादा ब्लॉक में दरारें मिलीं। इसके बाद जांच के लिए एक्सपर्ट की टीम यहां आई हुई थी। निरीक्षण में खामियां मिली।
निर्माण के दौरान ही सड़क पर आ गई थी दरारें –
मार्च 2015 में हाईवे टू-लेन सड़क बनाने वर्क आर्डर जारी हुआ था। साल 2018 में सड़क बनकर तैयार हुई। निर्माण के दौरान ही सड़क पर दरारें आनी शुरू हो गई थी। इस बीच दरारों में सीमेंट का घोल डालर टांके लगाए गए। ऐसा 1-2 नहीं, बल्कि 4 साल में कई बार देखने को मिला। इसलिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इसे अब तक हैंडओवर ही नहीं लिया। दिल्ली से आई एक्सपर्ट की टीम को जांच के दौरान 71 किमी लंबी इस सड़क पर सैकड़ों दरारें मिलीं थीं। जिम्मेदारों ने निर्माण के दौरान गंभीरता नहीं दिखाई।
कांक्रीट सड़क के ऊपर डामर की मजबूत परत जाएगी बिछाई –
वही, अनुमति मिलने पर कांक्रीट सड़क पर बीटी रोड बनाने की तैयारी की जा रही है। ठेका कंपनी काम शुरू करने के लिए प्लांट लगवा रही है। बेमेतरा जिले के टिपनी (खम्हरिया) में प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए मशीनों व अन्य जरूरी उपकरण पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे में जल्द ही इस कांक्रीट सड़क के ऊपर डामर की मजबूत परत बिछाई जाएगी। साथ ही कंपनी इसके रखरखाव का काम भी आने वाले 30 साल तक संभालेगी।
दोबारा कांक्रीटीकरण करना ही समाधान –
इस टू-लेन सड़क पर 300 से ज्यादा ब्लॉक में दरारें हैं। दरारें भरने के बाद भी सुधार नहीं हुआ। ऐसे में ब्लॉक को काटकर उस पर दोबारा कांक्रीटीकरण करना ही समाधान था। इसलिए कांक्रीट ब्लॉक्स में जहां दरारें हैं, उसे सुधार कर ऊपर सरफेस पर डामरीकृत सड़क बनाने एक्सपर्ट ने उपाय सुझाए थे। इसलिए नए सिरे से इसे डामरीकृत करने काम शुरू किया जाएगा। निर्माण के लिए उपकरण, मशीनें सहित अन्य सामग्री लाई गई है। दरारों को भरने के साथ ही अब इस सड़क पर डामर की मजबूत परत बिछाई जाएगी।