August 2, 2025

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Chhattisgarh | शिक्षा में सहभागिता को बढ़ावा, मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू होगा पालक-शिक्षक संवाद अभियान

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Chhattisgarh | To promote participation in education, parent-teacher dialogue campaign will be started on the initiative of the Chief Minister

रायपुर, 15 जुलाई 2025. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र के दौरान वर्ष में तीन बार पालक-शिक्षक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। पहली बैठक अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित की जाएगी, जबकि द्वितीय एवं तृतीय बैठकें तिमाही और अर्धवार्षिक परीक्षाओं के 10 दिवस के भीतर संपन्न होंगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि प्रत्येक जिले में इन बैठकों के आयोजन हेतु कार्ययोजना तैयार की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि सभी विद्यालयों में यह प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू हो।

पालक-शिक्षक बैठकें न केवल शैक्षणिक संवाद का मंच होंगी, बल्कि वे बच्चों की संपूर्ण प्रगति पर सामूहिक दृष्टिकोण विकसित करने का अवसर भी देंगी। इन बैठकों के माध्यम से पालकों को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि घर में बच्चों की पढ़ाई के लिए कैसा वातावरण होना चाहिए, उनकी दिनचर्या कैसी हो, परीक्षा के तनाव से कैसे निपटना है, और संवाद की आदत कैसे विकसित करनी है। साथ ही, ‘बस्ता रहित शनिवार’ जैसी पहल पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा जिससे बच्चे मानसिक रूप से हल्का महसूस करें और रचनात्मक गतिविधियों में भाग लें।

बैठकों के दौरान पालकों को बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के उपायों पर भी जानकारी दी जाएगी। विशेष रूप से उन्हें यह समझाया जाएगा कि बच्चों को खुलकर बोलने के लिए अवसर प्रदान करना, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण में भागीदारी सुनिश्चित करना, और जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाने हेतु आयोजित शिविरों में बच्चों को शामिल करना कितनी महत्वपूर्ण पहल है। इसके अतिरिक्त ‘न्योता भोजन’ जैसी सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए भी पालकों को प्रेरित किया जाएगा।

इस पहल में डिजिटल शिक्षा को भी विशेष स्थान दिया गया है। बैठक के दौरान पालकों को दीक्षा ऐप, ई-जादुई पिटारा, डिजिटल लाइब्रेरी जैसे संसाधनों के बारे में बताया जाएगा, ताकि वे घर पर भी अपने बच्चों को तकनीक आधारित शिक्षण सामग्री से जोड़ सकें। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई में रोचकता बढ़ेगी, बल्कि पालक स्वयं भी शिक्षा के सक्रिय सहभागी बन सकेंगे।

स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाली पहली पालक-शिक्षक बैठक को प्रत्येक स्कूल में भव्य, सुव्यवस्थित और संवाद-प्रधान रूप से संपन्न किया जाएगा। तदनुसार, तिमाही एवं अर्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद होने वाली द्वितीय और तृतीय बैठकें भी सुनियोजित ढंग से कराई जाएंगी। इन बैठकों में बच्चों की अकादमिक प्रगति, पाठ्येतर गतिविधियों, स्वास्थ्य, और सामाजिक व्यवहार के संबंध में पालकों को अवगत कराते हुए, उनके व्यक्तित्व विकास पर चर्चा की जाएगी—ताकि स्कूल और परिवार मिलकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में कार्य कर सकें।

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