Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ में सरोवरों की चमक लौटी, सौंदर्यीकरण और जीर्णाेद्धार के चलते अब शाम गुजारने के सबसे महत्वपूर्ण हाटस्पाट
1 min readChhattisgarh | The shine of the lakes returned in Chhattisgarh, due to beautification and restoration, now the most important hotspots to spend the evening
रायपुर। हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के कुम्हारी में बड़े तरिया का लोकार्पण किया। 16 एकड़ में फैले इस उद्यान में दो तालाबों को जोड़ा गया है और यहां पर खूबसूरत लाइट एंड साउंड शो होता है। इसे इतने खूबसूरत तरीके से बनाया गया है कि एक महीने के भीतर ही यहां इतनी भीड़ आने लगी है कि प्रवेश के लिए लंबी लाइन लगती है। जिला प्रशासन के अधिकारी बताते हैं कि छुट्टी के दिन यहां शाम को दस हजार लोग आ रहे हैं इतना ज्यादा भीड़ अप्रत्याशित थी। बच्चों की टाय ट्रेन, लाइट एंड साउंड शो की वजह से और बेहद खूबसूरत आर्च वाले पुल की वजह से, शानदार लैंडस्केप के चलते यह उद्यान लोगों को भा गया है। दो साल पहले मुख्यमंत्री ने दलपत सागर (जगदलपुर) में सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया था। सौंदर्यीकरण के पश्चात यहां भी लोगों की आवाजाही काफी बढ़ गई है। दलपत सागर दीपोत्सव कार्यक्रम का जब आयोजन किया गया तो हजारों लोग यहां दीप जलाने आये। रायपुर में विवेकानंद सरोवर के सौंदर्यीकरण के पश्चात यहां की चमक भी बढ़ी और आवाजाही में काफी इजाफा हो गया।
जनसहयोग भी मिल रहा- सरोवरों के संरक्षण की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल के चलते जनसहयोग भी इस हेतु उमड़ रहा है। तालाबों की नगरी कहे जाने वाले धमधा की पहचान छह कोरी, छह आगर तालाबों को लेकर थी। इसमें से बहुत से तालाब अतिक्रमण का शिकार होते गये। सरोवरों के संरक्षण के मुख्यमंत्री के निर्देश के पश्चात धमधा में भी सरोवरों से अतिक्रमण हटाना शुरू हुआ। इससे जनसमुदाय भी काफी खुश हुआ। छत्तीसगढ़ में और देश भर में यह परंपरा रही है कि सरोवरों की सफल स्थापना अथवा जीर्णाेद्धार के पश्चात यहां काष्ठ स्तंभ लगाया जाता है। ऐसे ही किरारी में एक सरोवर से मिले एक काष्ठ स्तंभ लेख से छत्तीसगढ़ में सातवाहन वंश की प्रशासनिक व्यवस्था की पुष्टि हुई थी। धमधा में लोगों ने इसी तरह से छह तालाबों में काष्ठ स्तंभ स्थापित किये और इस घटना का वृतांत भी लिखाया।
सरोवरों के किनारे उद्यान और फूड जोन भी- सरोवरों के सौंदर्यीकरण के साथ ही इनके आसपास उद्यान बनाये गये हैं और जहां पर अतिरिक्त जगह है वहां पर फूड जोन भी बनाये गये हैं। उदाहरण के लिए मिलेट मिशन को बढ़ावा देने के लिए मिलेट से बने उत्पाद इन फूड जोन में रखे जा रहे हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। जब मुख्यमंत्री पाटन में राजीव गांधी सरोवर के लोकार्पण के लिए पहुंचे तो यहां छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के लिए भी जगह निर्धारित की गई है और इसका संचालन भी स्वसहायता समूहों के लोगों द्वारा किया जा रहा है।
तालाबों के महत्व को जनता तक पहुंचाने योगाभ्यास भी सरोवरों पर- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में बीते दिनों रायगढ़ गयेे थे। वहां उन्होंने केलो संवर्धन और जल संरक्षण के लिए नागरिकों से अपील की। इसका व्यापक असर हुआ है और जनभागीदारी से तालाब संवर्धन का बड़ा काम हो रहा है। इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन अमृत सरोवरों के किनारे भी हुए। तालाबों के कायाकल्प के लिए महती कार्य हो रहा है। उदाहरण के लिए रायगढ़ जिले को लें। यहां 170 तालाबों में व्यापक कार्य किया गया है। एक तालाब में बारिश का एक करोड़ लीटर पानी स्टोर होगा, इससे बारिश की अमृत बूंदों को सहेजने की संभावना कितनी बढ़ जाएगी। रायगढ़ में 105 तालाब अमृत सरोवर के अंतर्गत खोदे गये हैं। राजनांदगांव जिले में स्वच्छ सरोवर महाअभियान का आयोजन हुआ। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 407 ग्राम पंचायतों में 47 हजार से अधिक लोगों ने अपने तालाब को साफ किया और पौधरोपण भी किया।