Chhattisgarh | मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ की परंपरा अनुसार देवारी तिहार और गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम शुरू
1 min readThe program of Devari Tihar and Govardhan Puja started in the Chief Minister’s residence as per the tradition of Chhattisgarh.
रायपुर। राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बॉड़ी को भी आकर्षक ढंग से दिखाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निवास परिसर में गौरी गौरा की पूजा कर गोवर्धन एवं देवारी तिहार का शुभारंभ किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष पंकज शर्मा, इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती ममता चंद्राकर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल, प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख कमला दीदी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित हैं।
मुख्यमंत्री ने गोवंश के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक पर्व पर गौ माता को अपने हाथों से खिचड़ी खिलाकर परंपरा का निर्वहन किया।
कार्यक्रम में वन मंत्री मोहम्मद अकबर भी उपस्थित है। सीएम भूपेश बघेल ने अपनी धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की।
छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा करने की परम्परा है। गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के रूप में अमूल्य चीजों के लिए श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है। मुख्यमंत्री निवास परिसर में गोवर्धन एवं देवारी तिहार के अवसर पर महिला लोक कलाकारों ने छत्तीसगढ़िया वेशभूषा में मनमोहक सुआ नृत्य प्रस्तुत किया।
जय मां सरस्वती समूह की महिलाओं ने सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। देवारी तिहार पर छत्तीसगढ़ के गांव गांव में सुआ नृत्य की परंपरा है। धौराभांठा के कलाकारों द्वारा बड़े उत्साह के साथ छत्तीसगढ़िया वाद्य यंत्रों एवं पारंपरिक वेशभूषा के साथ राउत नाचा प्रस्तुत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में यादव समाज के लोग गोवर्धन पूजा के दिन गावो और शहरों में राउत नाचा करते है। इस नृत्य में पशुधन की वृद्धि, फसल उत्पादन बढ़ाने की कामना के साथ ही सभी की मंगलकामना की जाती है।
मुख्यमंत्री ने पारंपरिक वेशभूषा में राउत नर्तक दलों के बीच पहुंचकर उनका उत्साह बढ़ाया। यादव समाज द्वारा राउत नाचा की शानदार प्रस्तुति पर मुख्यमंत्री अपने आप को नहीं रोक सके और राउत नाचा नर्तक दल के साथ वे भी पारंपरिक भेष भूषा में दल में शामिल हुए। उन्होंने गाड़ा बजा की धुन पर नर्तक दल के सदस्य के कदम से कदम मिलाकर राउत नाच में उनका साथ दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने चिर-परिचित अंदाज में इस अवसर पर लोक कलाकारों का प्रोत्साहन करते हुए रावत नाचा के बीच पारंपरिक हाना कहा।