Chhattisgarh | राजधानी की छात्राएं कर रहीं हैं सुपरफूड पर शोध, मिलेट कार्निवाल में इन छात्राओं के व्यंजन आकर्षण का केंद्र

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Chhattisgarh | The girl students of the capital are doing research on superfood, the dishes of these girl students are the center of attraction in Millet Carnival.

रायपुर। राजधानी में होम साइंस पढ़ने वाली छात्राएं मिलेट यानी सुपरफूड पर शोध कर रहीं हैं। इन छात्राओं ने स्थानीय सुभाष स्टेडियम में चल रहे मिलेट कार्निवाल में फूड स्टॉल भी लगाया है। मिलेट पर शोध कर रहीं शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला महाविद्यालय रायपुर की छात्राओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिलेट को दिए जा रहे प्रोत्साहन और इसके लिए शुरू किए गए मिलेट मिशन के कार्यों से प्रभावित होकर मिलेट पर शोध कर रही हैं। उनके द्वारा लगाए गए फूड स्टॉल में कोदो, कुटकी से बनाए पास्ता, नूडल्स, केक, रोटी और खुरमी जैसे व्यंजन रखे गए हैं। इनकी बिक्री भी खूब हो रही है। यहां रखे गए मिलेट के बालूशाही, कोदो के अप्पे, कोदो-कुटकी से बने चिवड़ा और भेल मुख्य आकर्षण है।

सुपरफूड के नाम से मशहूर मिलेट में अन्य खाद्यानों के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होने के कारण यह दिनां-दिन लोकप्रिय हो रहा है। फूड स्टॉल में आगंतुक उत्साह और जिज्ञासा से इन व्यंजनों के बारे में जानकारी भी ले रहे हैं। शोधार्थी छात्राओं ने बताया कि आजकल फास्ट फूड्स का चलन है, चाउमीन, पास्ता और मंचूरियन जैसी आसानी से और जल्दी बनने वाली चीज़ें लोगों को पसंद आती हैं, लेकिन इसका हमारे स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमने कोदो-कुटकी से पास्ता, नूडल्स, रोटी, केक, खुरमी जैसे व्यंजन भी बनाएं हैं ताकि नई पीढ़ी भी मिलेट्स के सेवन के फायदे समझ सके।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिलेट की खेती को बढ़ावा देने के लिए इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के बीच एमओयू किया गया है। इसके तहत मिलेट की उत्पादकता को दोगुना किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। सीएसआईडीसी ने मिलेट आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ चुंनिदा ब्लॉक में भूमि, संयंत्र एवं उपकरण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की योजना पेश की है।

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