Chhattisgarh | The cry of ‘Vande Mataram’ echoed across the country
रायपुर, 7 नवंबर 2025। राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ आज पूरे देश में उत्साह, श्रद्धा और राष्ट्रभक्ति के साथ मनाई गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ मां भारती की साधना और आराधना की प्रेरक अभिव्यक्ति है, जबकि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे मातृभूमि की स्तुति में रचा गया वह गीत बताया, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में देशभक्ति की सबसे प्रबल प्रेरणा दी।
छत्तीसगढ़ में इस अवसर पर मंत्रालय महानदी भवन में मुख्यमंत्री साय ने वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। इस दौरान “वंदे मातरम्” के उद्घोष से पूरा परिसर राष्ट्रभक्ति की भावना से गूंज उठा।
मुख्यमंत्री साय नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए और प्रधानमंत्री श्री मोदी का संदेश सुना। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गान एकता, लय और हृदय की स्पंदना का प्रतीक है। यह भारत की शाश्वत संकल्पना, स्वतंत्र अस्तित्व-बोध और सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ भारत की आज़ादी का उद्घोष था, जिसने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने की प्रेरणा दी। यह केवल प्रतिरोध नहीं, बल्कि आत्मबल जगाने वाला मंत्र बना।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “वंदे मातरम् मातृभूमि के प्रति अगाध प्रेम और राष्ट्रधर्म की भावना का शाश्वत प्रतीक है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरे देश ने एक स्वर में मातृभूमि की वंदना की है।”
उन्होंने कहा कि यह स्मरणोत्सव स्वतंत्रता संग्राम के उस गौरवशाली अध्याय को फिर से जीवंत करता है, जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की इस कालजयी रचना ने स्वदेशी आंदोलन को नई दिशा दी थी। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान ‘वंदे मातरम्’ ने राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधा।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ को समर्पित स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया, साथ ही ‘वंदे भारत पोर्टल (vandematram150.in)’ का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपनी आवाज़ में ‘वंदे मातरम्’ रिकॉर्ड कर इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय में आयोजित ‘वंदे मातरम्’ की छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि यह “भारत के गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम की अनकही कहानियों को उजागर करने वाली प्रेरक प्रस्तुति है।”
इस अवसर पर सांसद चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, संस्कृति सचिव रोहित यादव, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
