Chhattisgarh | नगरनार स्टील प्लांट में हुई विद्युत दुर्घटना के पीड़ितों की हालत स्थिर कथित विस्फोट के बयान गैर-जिम्मेदाराना और निराधार
1 min readChhattisgarh | The condition of the victims of the electrical accident at Nagarnar Steel Plant is stable. The statements regarding the alleged explosion are irresponsible and baseless.
नगरनार। सर्वप्रथम हम यह स्पष्ट करना चाहेंगे कि नगरनार स्टील प्लांट में कोई विस्फोट नहीं हुआ है। प्रसारित होने वाला ऐसा कोई भी बयान पूरी तरह से गलत और निराधार है। संबंधित घटना एक तकनीकी घटना थी, जिसे शीघ्र ही नियंत्रण में कर लिया गया। घटना का वास्तविक विवरण इस प्रकार है।
कल सुबह लगभग 11.30 बजे नगरनार स्टील संयंत्र के ईसीआर बिल्डिंग में टनल फर्नेस के बस बार कपलर का नियमित निरीक्षण रखरखाव का कार्य MECON के निगरानी में प्रगति पर था। इस समय अचानक बिजली की एक क्षणिक चमक (फ़्लैश) हुई जिससे वहां कार्यरत 4 कर्मचारी झुलसे. सूचना मिलते ही चारों को तुरन्त प्लांट के भीतर स्थित एनएसएल व्यावसायिक स्वास्थ्य सेवा केंद्र (ओएचएससी) में फस्ट ऐड उपचार कराया गया और तत्पश्चात आगे के उपचार के लिए महारानी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
चूंकि यह आग या विस्फोट की घटना न हो कर केवल क्षणिक इलेक्ट्रिकल फ़्लैश था इसलिए इससे झुलसे पीड़ित स्थिर और होश में थे। हालांकि, स्थिति की समीक्षा करते हुए और इस तथ्य के बावजूद कि चारों पीड़ितों की हालत स्थिर थी, यह निर्णय लिया गया कि दो पीड़ित जो तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित थे, उन्हें विशेष उपचार के लिए रायपुर या विशाखापट्नम स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
तदनुसार, तपस कुमार नायक को सेवन हिल्स अस्पताल, विशाखापट्नम और महेंद्र कुमार लहरे को केयर बर्न सेंटर, रायपुर, NMDC अफसर की निगरानी में स्थानांतरित कर दिया गया। अमरेन्द्र कुमार चौधरी तथा दयेंद्र कुमार का महारानी अस्पताल में उपचार जारी है।
हमारे कार्य का मूल मंत्र “सुरक्षा प्रथम ” –
घटना का जायजा लेने के लिए देर रात तक स्टील प्लांट के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें कार्यकारी निदेशक और नगरनार स्टील प्लांट के प्रमुख श्री के प्रणीकुमार ने प्रभावित कर्मचारियों के लिए अपनी चिंता व्यक्त की और अपने अधिकारियों से इस घटना को गंभीरता से लेने के लिए कहा ।
“आज हम उत्पादन बढ़ाने और स्टील प्लांट को स्वावलंबी बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करने में जुटे हुए हैं। कई तकनीकी और अन्य चुनौतियों के बावजूद हम दिमत से आगे बढ़ रहे हैं। खास कर ऐसे नाजुक मोड़ पर हमें अपने मूल मंत्र – सुरक्षा प्रथम – को हमेशा नजरों के सामने रखना होगा”। उन्होंने अपनी टीम को घटना का बारीकी से विश्लेषण करने तथा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।