Chhattisgarh | ट्रेनों के अनियमित परिचालन को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
1 min readChhattisgarh | The Chief Minister wrote a letter to the Prime Minister regarding the irregular operation of trains
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री गाड़ियों के अनियमित परिचालन से राज्य के लाखों नागरिकों को हो रही समस्याओं से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि रेलवे द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों को निरस्त करने की सूचना जारी कर दी जाती है निरस्त ट्रेनें कब तक निरस्त रहेगी, इसकी भी जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती। यात्री ट्रेनों की निरस्ती के अलावा ट्रेनों के अत्यधिक विलम्ब से चलने से भी रेल यात्रियों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मेरे द्वारा पूर्व में रेल मंत्री जी को भी अनेक अवसरों पर यात्री ट्रेनों के सुचारू परिचालन हेतु ध्यान आकर्षित कराया गया, किन्तु उससे स्थिति में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि ट्रेनों के इस तरह असामान्य संचालन से छात्रों, तीर्थयात्रियों, मरीजों, रोजगार के लिये राज्य में आने वाले व्यक्तियों, व्यवसायियों, श्रमिकों तथा परीक्षार्थियों के अनेक पूर्व निर्धारित कार्याे का सम्पादन संभव नहीं हो पा रहा है। राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी धीरे-धीरे इसका प्रभाव दिखने लगा है। लम्बी अवधि से ट्रेनों के निरस्त होने तथा विलम्ब से चलने के कारण राज्यवासियों में आक्रोश व्याप्त है तथा जिससे सरकार और रेल्वे की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं।
बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ में ट्रेनों का घनत्व राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है तथा दूरस्थ अंचलों में रहने वाले लोगों के लिये यात्री ट्रेनें ही आवागमन का एकमात्र सुलभ साधन है। देश के अन्य किसी भी राज्य में यात्री ट्रेनों के संचालन संबंधी इतनी अव्यवस्थायें संभवतः नहीं होगी। स्थिति की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये आपसे अनुरोध है कि आपके स्तर से रेलवे मंत्रालय को राज्य की यात्री ट्रेनों के पूर्ववत सुचारू परिचालन सुनिश्चित करने के निर्देश देने का कष्ट करें ताकि राज्यवासियों को हो रही समस्याओं का अंत हो तथा उनके आक्रोश को शांत किया जा सके ।