Chhattisgarh | राज्य नीति आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा मानिटरिंग एवं इवैल्यूएशन पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन

Chhattisgarh | Successful conclusion of two-day workshop on monitoring and evaluation by State Policy Commission, Chhattisgarh
रायपुर, 22 मार्च 2025। राज्य नीति आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा नीति आयोग, भारत सरकार के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय निगरानी एवं मूल्यांकन कार्यशाला का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। अटल नगर, नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग के सभाकक्ष में 20 और 21 मार्च को आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य सरकारी योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली को सुदृढ़ करना, नीति-निर्माण को डेटा आधारित बनाना और योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाना था। सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अधिकारियों के लिए मूल्यांकन, क्यों, कब और कैसे विषय पर एक विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला में राज्य शासन के अधिकारियों को मानिटरिंग और इवैल्यूएशन के मूल सिद्धांतों की जानकारी दी गयी। योजनाओं की प्रगति प्रभाविता को ट्रैक करने और परिणामों का विश्लेषण के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। मूल्यांकन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण, योजनाओं के प्रभाव को मापने के लिए लॉजिकल फ्रेमवर्क और थ्योरी ऑफ चेंज का उपयोग, डेटा संग्रह की पद्धतियां, प्रभावी नीति निर्माण के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग पर विस्तृत चर्चा की गयी। कार्यशाला में मूल्यांकन में आने वाली चुनौतियां और समाधान पर भी विस्तृत व्याख्यान दिया गया।
कार्यशाला में प्रोग्राम/स्कीम इवैल्यूएशन के महत्व, उसके विभिन्न प्रकार, तरीकों, रूपरेखा (फ्रेमवर्क) और गुणवत्ता आश्वासन (क्वालिटी एश्योरेंस) पर विस्तृत जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि प्रभावी मूल्यांकन से न केवल योजनाओं की सफलता और विफलता का विश्लेषण किया जा सकता हैए बल्कि सुधार के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जा सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान डेटा संग्रह, विश्लेषण तकनीक, निगरानी एवं मूल्यांकन के सर्वाेत्तम प्रथाओं पर चर्चा की गई। अधिकारियों को प्रभाव मूल्यांकन, प्रक्रियात्मक मूल्यांकन और परिणाम मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं से भी अवगत कराया गया।
राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने बताया कि आयोग मूल्यांकन हेतु संस्थागत क्षमता निर्माण और अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत करने के उपाय अपना रहा है। आने वाले समय में नीति निर्माण को डेटा संचालित और प्रभावी बनाने इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए पारदर्शी और सटीक मूल्यांकन आवश्यक है। यह प्रशिक्षण अधिकारियों को नीति निर्माण और योजना क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद करेगा।
कार्यशाला के समापन अवसर पर राज्य नीति आयोग की सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोरडिया ने सभी प्रतिभागियों, प्रशिक्षकों और डी.एम.ई.ओ. टीम को धन्यवाद देते हुए कहा, कि भविष्य में राज्य नीति आयोग और डी.एम.ई.ओ. इस तरह की और कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे, ताकि छत्तीसगढ़ में डेटा-संचालित शासन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जा सके।
कार्यशाला में डी.एम.ई.ओ., नीति आयोग, भारत सरकार के निदेशक श्री अबिनाश दास व उनकी एक्सपर्ट टीम द्वारा आउटपुट-आउटकम मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क, डाटा गर्वनेंस क्वालिटी इंडेक्स एवं लॉजिकल फ्रेमवर्क तथा मॉनिटरिंग व इवैल्यूएशन के बारे में प्रस्तुतीकरण व परिचर्चा की गई।
उक्त कार्यशाला में सुशासन एवं अभिसरण विभाग, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, खाद्य विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, योजना विभाग सहित अन्य विभागों के राज्य एवं जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुये।