Chhattisgarh | कवर्धा लोहारीडीह बवाल के बाद राज्य सरकार की पुलिसकर्मीयों पर बड़ी कार्रवाई
1 min readChhattisgarh | State government takes major action against policemen after Kawardha Loharidih uproar
रायपुर। कवर्धा के लोहारीडीह बवाल मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। रेंगाखार थाने में पदस्थ थाना प्रभारी सहित 23 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया है। सभी को लाईन अटैच किया गया है। वहीं, एएसआई कुमार मंगलनम थाना सिंघनपुर, आरक्षक अंकिता गुप्ता को निलंबित किया गया है। साथ ही नक्सल ऑपरेशन कबीरधाम में पदस्थ पर्यवेक्षण-निरीक्षण अधिकारी डीएसपी संजय ध्रुव को हटा दिया गया है।
क्या है पूरा मामला –
दरअसल, रेंगाखार थाना क्षेत्र के लोहारीडीह गांव में एक युवक का शव फांसी पर लटका मिला था, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गाँव के ही उप सरपंच रघुनाथ साहू पर हत्या का शक जताते हुए उसके घर पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों ने घर के चार लोगों को बंधक बनाकर उसके घर को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में रघुनाथ साहू की जलकर मौत हो गई थी।
पुलिस ने इस मामले में 160 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है और 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। गिरफ्तार लोगों में मृतक प्रशांत साहू, उसका भाई और उसकी मां भी शामिल है। 19 सितंबर को हत्या के आरोप में जिला जेल में बंद प्रशांत साहू की जेल में ही मौत हो गई थी। मृतक के बॉडी में गहरे चोट के निशान पाए गए थे। इस मामले में प्रशांत साहू (27) की मौत के बारे में पुलिस का दावा है कि प्रशांत मिर्गी का मरीज था और उसने मिर्गी का अटैक आने के चलते दम तोड़ दिया है।
इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी रहे IPS विकास कुमार जांच का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने मीडिया को बताया था कि प्रशांत साहू मिर्गी का मरीज था। उसे स्वास्थ्य परीक्षण के पश्चात जेल में दाखिल करवाया गया था। मंगलवार को भी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लाकर इलाज करवाया गया और फिर जेल दाखिल किया गया था। बुधवार सुबह तबीयत बिगड़ने पर फिर से अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। जबकि मृतक के भाई ने दावा किया है कि उसका भाई स्वस्थ था, उसे किसी किस्म की कोई बीमारी नहीं थी।
मृतक के भाई परमेश्वर ने आरोप लगाया कि उसके परिवार को लड़ाई झगड़े के बारे में कुछ नहीं पता है। पुलिस वाले उसके घर आए और उसके भाई और मां को बेरहमी से मारते–पीटते और घसीटते हुए लेकर गए। परमेश्वर साहू के अनुसार उसके भाई और मां को उसके सामने ही बेरहमी से मारा पीटा गया। उसने भी भाग कर किसी तरह जान बचाई। परमेश्वर साहू ने बताया कि बाद में उसे भी रेंगाखार थाने ले जाया गया। थाने में 10 लाठियां और चमड़े का पट्टा टूटा हुआ पड़ा था। थाने में उसकी भी खूब पिटाई हुई। पिटाई से उसको भी निशान पड़ गया है। उसने मां और भाई के रिहाई की मांग की।
कांग्रेसियों ने की जमकर नारेबाजी –
प्रशांत साहू की मौत पर कांग्रेसियों ने जमकर नारेबाजी भी की। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया तो बड़ी संख्या में कांग्रेसी परिजनों के साथ मौजूद थे। सुरक्षा को देखते हुए जिला अस्पताल को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मामले में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने गृहमंत्री का इस्तीफा मांगा था। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था।
प्रशांत साहू की मौत के बाद गृह मंत्री विजय शर्मा उसके परिजनों के पास पहुंचे थे। उन्होंने मृतक के परिवार से चर्चा करने के बाद एडिशनल एसपी के पद पर पदस्थ आईपीएस विकास कुमार को निलंबित करने के निर्देश जारी किए। वहीं मृतक के परिवार के लिए 10 लाख रुपए मुआवजा की घोषणा की। वही, देर रात एसपी और कलेक्टर का भी तबादला किया गया।