Chhattisgarh | शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग का सख्त तेवर

Chhattisgarh | School education department’s strict stance on the process of rationalization of teachers
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) की प्रक्रिया को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने एक बार फिर सख्त तेवर अपनाए हैं। सोमवार को DPI (निदेशालय लोक शिक्षण) ने एक साथ दो अहम आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों में प्रदेश के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों और जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि 4 जून 2025 तक अतिशेष शिक्षकों एवं व्याख्याताओं की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, नहीं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए समिति का गठन अनिवार्य –
DPI ने आदेश में कहा है कि काउंसलिंग की प्रक्रिया के लिए संभाग स्तर पर भी उसी तरह समिति बनानी होगी जैसी प्रक्रिया जिले में अपनाई जाती है। इसके साथ ही सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 4 जून 2025 तक विषयवार एवं विद्यालयवार रिक्त पदों की सूची संभागीय संयुक्त संचालक को बंद लिफाफे में सौंप दें।
7 जून तक जारी करने होंगे पदस्थापना आदेश –
आदेश के अनुसार, 7 जून 2025 तक सभी अतिशेष शिक्षकों और व्याख्याताओं की पदस्थापना के आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। DPI ने यह भी स्पष्ट किया है कि समयसीमा का पालन नहीं करने पर जिम्मेदारी DEO की होगी, और उनके खिलाफ शासन को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
DPI के आदेश की प्रमुख बातें –
28 मई 2025 तक अतिशेष शिक्षकों की जांच पूरी करनी थी।
4 जून 2025 तक विषयवार और विद्यालयवार रिक्त पदों की सूची संभागीय संयुक्त संचालक को सौंपना अनिवार्य।
7 जून 2025 तक काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर पदस्थापना आदेश जारी करना अनिवार्य।
प्रक्रिया पूरी न करने पर DEO जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
काउंसलिंग की प्रक्रिया में पारदर्शिता के निर्देश –
DPI ने आदेश में साफ किया है कि अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए। इसके लिए पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है।
अधिकारियों को चेतावनी –
आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर कोई भी DEO या अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसका जिम्मेदार उन्हें ही माना जाएगा।