Chhattisgarh | नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण संपर्क को मिलेगा बढ़ावा, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को दिए ₹195 करोड़

Chhattisgarh | Rural connectivity will be boosted in Naxal-affected areas, Central Government gives ₹195 crores to Chhattisgarh
रायपुर, 8 अगस्त 2025. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दुर्गम और वनवासी अंचलों में सड़क और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार की “RCPLWEA (Road Connectivity Project for Left Wing Extremism Affected Areas)” योजना के तहत छत्तीसगढ़ को वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹195 करोड़ की केंद्रीय सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस स्वीकृति पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताते हुए कहा कि यह राशि उन वंचित क्षेत्रों के लिए विकास, विश्वास और शांति की सशक्त आधारशिला बनेगी, जो अब तक नक्सल हिंसा और भौगोलिक कठिनाइयों से प्रभावित रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि यह निधि पूर्ण पारदर्शिता, गुणवत्ता और गति के साथ खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी, विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए जो वर्षा ऋतु में बाढ़ जैसी परिस्थितियों के कारण संपर्कविहीन हो जाते हैं।
इस निधि से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर जिलों में नवीन ऑल-वेदर सड़कों, मौजूदा मार्गों के सुदृढ़ीकरण, पुल और क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे इन गांवों को ब्लॉक और जिला मुख्यालय, स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों और बाजारों से जोड़ा जा सकेगा।
₹195 करोड़ में से ₹190.6125 करोड़ कार्यक्रम निधि और ₹4.3875 करोड़ प्रशासनिक कार्यों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। यह सहायता सिंगल नोडल एजेंसी स्पर्श मॉडल और जस्ट-इन-टाइम फंड रिलीज़ प्रणाली के तहत उपलब्ध कराई गई है। PFMS पोर्टल पर योजना को अपलोड कर दिया गया है।
प्रशासनिक मद की राशि से मॉनिटरिंग, मूल्यांकन, क्षमता निर्माण और डेटा प्रबंधन जैसे कार्य किए जाएंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी निधियों का उपयोग योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार शीघ्र और प्रभावी रूप से किया जाए, और योजना पूर्ण होने पर अप्रयुक्त राशि को समेकित निधि में लौटाया जाए।
इस स्वीकृति को केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों की परिणति बताते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “यह केवल सड़क परियोजना नहीं, बल्कि शासन की पहुंच, सेवा, सामाजिक समरसता और स्थायी शांति की दिशा में एक निर्णायक कदम है।”