Chhattisgarh | लगभग हजार करोड़ रूपए से होंगे स्कूलों के मरम्मत कार्य, सभी स्कूलों की गोबर पेंट से होगी पोताई और लगेगा लोगो
1 min readChhattisgarh | Repair work of schools will be done for about thousand crore rupees, all schools will be painted with cow dung paint and logo will be installed
रायपुर। प्रदेश के स्कूलों की मरम्मत के लिए लगभग एक हजार करोड़ रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही सभी शासकीय स्कूलों की गोबर पेंट से पोताई कराई जाएगी और उसके बाद लोगो भी लगाया जाएगा। यह सभी कार्य आगामी शिक्षा सत्र से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। यह बात स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कही। वे आज रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक लोक शिक्षण सुनील कुमार जैन सहित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारीगण और जिला मिशन समन्वयकगण उपस्थित थे।
मंत्री डॉ. टेकाम ने समीक्षा बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए लगभग एक हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की है। जिला शिक्षा अधिकारियों को मरम्मत योग्य सरकारी स्कूलों की जानकारी 7 दिनों के भीतर विभागीय पोर्टल में दर्ज करना होगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों के मरम्मत कार्य के स्वीकृति और निर्माण एजेंसी जल्द से जल्द तय कर शीघ्र ही कार्य प्रारंभ करें। आगामी शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सभी मरम्मत के कार्य पूर्ण कर लिए जाएं। इसके अलावा इस बार शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सभी स्कूलों की पोताई गोबर पेंट से कराई जाए। स्कूलों की मरम्मत कराने से पहले की स्थिति, मरम्मत कार्य के समय और कार्य पूर्ण होने के बाद का फोटोग्राफ्स विभागीय पोर्टल में अनिवार्य रूप से अपलोड करें।
बैठक में बताया गया कि ‘सुघ्घर पढ़वैया योजना‘ सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिए है। इसका उद्देश्य स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य एवं बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है। अभी तक 35 हजार 889 स्कूलों ने आकलन के लिए चुनौती दी है और इनमें से 4 हजार 490 स्कूल थर्ड पार्टी आकलन के लिए सहमत हैं।
डॉ. टेकाम ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि स्कूल बच्चों की शत्-प्रतिशत उपस्थिति के लिए प्रेरित करें और सभी स्कूलों को चुनौती देने हेतु प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों को ‘निकलर‘ एप का उपयोग करना आना चाहिए। स्कूल के प्रधानपाठक और शिक्षक बच्चों के शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाकर स्व आकलन कर थर्ड पार्टी के लिए चुनौती दे। उन्होंने कहा कि स्कूल को धीरे-धीरे वर्तमान शैक्षणिक स्तर से ऊपर उठाने प्रोत्साहित किया जाए। बच्चों की शैक्षणिक योग्यता का आकलन कर उनकी कमी को दूर करें। इसके लिए संकुल स्तर के स्कूलों का भी सहयोग लिया जाए। योजना में शामिल होने के लिए स्कूल पोर्टल में आवेदन दे सकते हैं और आकलन के लिए विशेषज्ञ को मैन्टर बना सकते हैं।
बैठक में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की पदों की पूर्ति के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा सुझाव भी दिए गए। जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि शाला से बाहर के बच्चों की जानकारी को ncpcr.gov.in/oosc में दर्ज कराने के साथ ही इनकी शिक्षा के लिए किए गए उपायों की जानकारी भी दें।
डॉ. टेकाम ने अधिकारियों से कहा कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर लें, परीक्षा में नकल न होने दें। स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षा के गुणवत्ता को बनाए रखना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। शिक्षकों की भर्ती शीघ्र पूरी कर ली जाए। बच्चों कोरोना काल में राज्य के शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए कई प्रकार के नवाचार कर बेहतर कार्य किया, जिसकी चर्चा देशभर में हुई। इसी प्रकार के नवाचार बच्चों की पढ़ाई के हित में निरंतर किए जाएं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों का निरंतर आकस्मिक निरीक्षण और आकलन कर समीक्षा करने की निर्देश दिए हैं। स्कूलों के निरीक्षण और मॉनिटरिंग से पढ़ाई-लिखाई में तेजी आएंगी। स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति और बच्चों की उपस्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि जहां भी बालवाड़ी का अच्छा संचालन हो रहा है, उसको जनप्रतिनिधियों को दिखाया जाए। कक्षा 12वीं के बाद बच्चों की कैरियर के लिए कौंसिल की जाए।