November 7, 2024

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Chhattisgarh | खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला व संस्कृति महाविद्यालय के लिए प्रस्ताव तैयार करें : मुख्यमंत्री बघेल 

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Prepare a proposal for Folk Art and Culture Colleges in Bastar, Surguja and Raipur on the lines of Khairagarh Music University: Chief Minister Baghel

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव तैयार करने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महाविद्यालयों के प्रारंभ होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठकों के क्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभागों के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।

बैठक में गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष चित्ररेखा साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक संस्कृति विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक अनिल साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में कहा कि लोककला दलों के माध्यम से आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कला जत्थों के जरिए स्थानीय बोली-भाषाओं में कार्यक्रम तैयार कराए जाएं, जिससे उनका अच्छा प्रभाव हो। उन्होंने कहा कि इससे विशेष पिछड़ी जनजातियों-सरगुजा के पण्डो, कवर्धा के बैगा और गरियाबंद, सिहावा-नगरी और मगरलोड क्षेत्र की कमार जनजाति के लोगों में शासकीय योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के तहत मानस प्रतियोगिता अगले वर्ष जनवरी में आयोजित की जाए।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, वहां पर्यटकों के रूकने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से होटलों की सुविधा सहित शौचालय, पेयजल, आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया। शिवरीनारायण, चंदखुरी, राजिम, सतरेंगा, चित्रकोट, चम्पारण, गंगरेल जैसे पर्यटन स्थलों में ये सुविधाएं विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों पर्यटन स्थलों में पर्यटन के दृष्टिकोण से सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिमगा तहसील के समीप स्थित ऐतिहासिक कबीरभूमि दामाखेड़ा में भी विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि दामाखेड़ा (कबीर तालाब) को विकसित करने के लिए 22.43 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

मुख्यमंत्री बघेल ने पर्यटन विभाग के पुराने मोटल्स के निजी क्षेत्र की भागीदारी से सुचारू संचालन की कार्ययोजना की प्रगति की जानकारी ली। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका लोकार्पण किया जाए, जिससे लोगों को जल्द सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अमरकंटक मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बांधों और जलाशयों के समीप उपलब्ध शासकीय भूमि में निजी क्षेत्र की भागीदारी से वोटिंग, वाटर स्पोटर्स, पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं।

पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रसाद योजना के तहत 43.33 करोड़ रूपए की लागत से मॉ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 96.10 करोड़ रूपए की लागत की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट परियोजना के सभी 13 स्थानों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 65.60 करोड़ रूपए की लागत से सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर विकसित किया जा रहा है। अन्बलगन पी. ने यह भी बताया कि सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ के विकास की योजना को प्रसाद योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।

इसी प्रकार स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एंव हसदेव बांगो डेम को शामिल कर इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में बजट होटल के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार के तहत ख्याति प्राप्त कलाकारों की आडियो-वीडियो क्लीपिंग संकलित कर उनका भावी पीढ़ी के लिए डिजिटाईजेशन किया जा रहा है। बैठक में दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तरीघाट और रायपुर जिले के आंरग तहसील के रीवा के पुरातत्व स्थलों की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यहां लगभग दो से ढाई हजार साल पुरानी मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं। खनन के दौरान दूसरी से पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं मिली है।

मुख्यमंत्री बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रथम चरण में विकसित किए जा रहे स्थलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की सौम्य छवि की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चंदखुरी और शिवरीनारायण में प्रथम चरण में किए गए विकास कार्यों का लोकार्पण हो गया है। प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित अन्य स्थलों का भी जैसे-जैसे जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होता है। लोगों को समर्पित करने की कार्यवाही भी की जाए। बैठक में बताया गया कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस वर्ष कराई गई मानस मंडली प्रतियोगिता में 7 हजार मानस मंडलियों के लगभग 70 हजार मानस कलाकरों ने हिस्सा लिया।

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