Chhattisgarh: Preparations underway for major reforms in higher education in Chhattisgarh
रायपुर, 28 नवंबर 2025। नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में आज उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त संतोष देवांगन और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री वर्मा ने कहा कि राज्य में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए विभाग को सक्रियता और जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा।
बैठक में सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्टूडियो निर्माण, ई-क्लासरूम विकास और विद्यार्थियों के लिए डिजिटल संसाधनों को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। प्राचार्यों को निर्देश दिया गया कि वे प्राध्यापकों से व्याख्यान रिकॉर्ड कर छात्रों को उपलब्ध कराएँ ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
मंत्री ने बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने, प्राचार्यों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राचार्य प्रतिदिन सुबह 10:30 से शाम 5:30 बजे तक महाविद्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें और कक्षाओं का निरीक्षण करें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय ज्ञान परंपरा को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। एनईपी-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन, अतिथि व्याख्याताओं का प्रशिक्षण और शैक्षणिक गतिविधियों में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
नियुक्तियों और प्रमोशन में तेजी लाने के लिए सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि समाप्ति के आदेश 15 दिनों में जारी होंगे। पीएचडी अनुमतियों के लंबित मामलों का निपटारा 15 दिनों में किया जाएगा। वरिष्ठ और प्रवर वेतनमान जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी होंगे। प्राध्यापकों की वरिष्ठता सूची एक सप्ताह के भीतर प्रकाशित की जाएगी और 2024 की रिव्यू डीपीसी प्रक्रिया पूरी कर प्राचार्य पद पर पदोन्नति 24 दिसंबर 2025 तक पूरी की जाएगी।
इसके अलावा, सभी विश्वविद्यालयों में ज्ञानअर्जन पोर्टल लागू करने और टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए गए। EHRMS के तहत सभी महाविद्यालयों के कर्मचारियों की जानकारी जनवरी 2026 तक ऑनलाइन कर दी जाएगी।
मंत्री ने न्यायालयीन मामलों में समय पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि विभाग की छवि प्रभावित हो रही है। इसलिए सभी मामलों में तत्काल और समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
बैठक में लिए गए ये निर्णय छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
