Chhattisgarh | Politics heats up over Chhattisgarh bandh, BJP-Congress face to face
कांकेर। कांकेर के धर्मांतरण विवाद ने अब सियासी रंग ले लिया है। सर्वसमाज ने 24 दिसंबर को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान किया है, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बंद के लिए सीधे तौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सर्व समाज के लोग अपनी बात रखने के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मिलने ही नहीं दिया जाता। बघेल का आरोप है कि आमाबेड़ा की घटना कोई पहली नहीं है, इससे पहले कोंडागांव और बस्तर में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लोगों की जान गई, लेकिन सरकार ने कोई ठोस समाधान नहीं किया।
भूपेश बघेल ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को बंद कर देने से क्या समस्या हल हो जाएगी? सरकार को बंद नहीं, समाधान देना चाहिए। कांग्रेस धर्मांतरण के खिलाफ है, लेकिन सरकार की नाकामी के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बंद के सवाल पर संतुलित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
क्या है पूरा मामला?
कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में शव दफनाने को लेकर आदिवासी समाज और धर्मांतरित समुदाय आमने-सामने आ गए थे। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई।
आरोप है कि पहले आदिवासी समाज के लोगों ने ईसाई समुदाय के लोगों को खदेड़ा, इसके बाद जवाबी हमले हुए। हालात बेकाबू हुए तो सरपंच के घर में तोड़फोड़ की गई और गांव के चर्च में आग लगा दी गई। घटना के बाद करीब तीन हजार लोगों की भीड़ आमाबेड़ा पहुंची, जहां एक और चर्च को आग के हवाले कर दिया गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासन को मोर्चा संभालना पड़ा।
